गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में CBI की कार्रवाई, यूपी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल के 40 ठिकानों पर छापेमारी

Shri Mi
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लखनऊ।लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट मामले में सीबीआई की एंटी करप्शन विंग (Lucknow CBI) ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने यूपी राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत 40 से ज्यादा जगहों पर एक साथ छापा मारा है. इसके साथ ही करीब 190 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. लखनऊ गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti River Front Scam) में शुक्रवार को भी कई जगहों पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की थी.

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यूपी में आज लखनऊ के साथ ही नोएडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में सीबीआई की टीम ने छापेमारी (CBI Raid) की है. 3 चीफ इंजीनियरों के साथ ही 6 सहायक इंजीनियरों के घरों में भी CBI ने रेड मारी है. बता दें कि अखिलेश यादव सरकार (Akhilesh Govt)  के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने दूसरी FIR दर्ज की है.

UP में 40 जगहों पर CBI की छापेमारी

लखनऊ सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने रिवर फ्रंट घोटाला मामले में यूपी में 40 जगहों पर छापेमारी की है. वहीं राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक जगह तलाशी ली जा रही है. इस मामले में कुल 189 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें 173 प्राइवेट और 16 सरकारी अफसर शामिल हैं.

लखनऊ रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. हैरानी की बात ये है कि 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी सिर्फ 60 फीसदी काम ही किया गया था. 95 फीसदी बजट खर्च के बाद भी ठेका कंपनियों ने काम पूरा नहीं किया था.

सपा सरकार में हुआ गोमती रिवर फ्रंट घोटाला

बतादें कि सपा सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में साल 2017 में योगी सरकार ने जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग का गठन किया था. जांच में पता चला था कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में ही बदलाव कर दिया गया था. पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 800 टेंडर निकाले गए थे. यह पूरा प्रोजेक्ट चीफ इंजीनियर के अंडर में था. आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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