CEO मित्तल ने की ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ तैयारियों की समीक्षा,कहा- अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर सफल क्रियान्वयन सुनिश्चिित करें

Chief Editor
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महासंमुद। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. रवि मित्तल ने आज यहां जिले के सभी पांचों विकासखण्डों महासमुंद, बसना, सरायपाली, पिथौरा और बागबाहरा के जनपद पंचायत, कृषि और पशु चिकित्सा अधिकारियों से कल सोमवार ‘हरेली पर्व से शुरू होने वाली महत्वपूर्ण योजना ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ की तैयारियों की वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के जरिए समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा बैठक में कहा कि ‘‘गोधन न्याय योजना‘‘ के शुभारंभ पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव आदि के लिए शासन की जारी गाईड लाइन का पूरा ध्यान रखने की बात कही। समीक्षा बैठक में जिला पंचायत, कृषि और पशु चिकित्सा जिला अधिकारी उपस्थित थे ।

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डाॅ. रवि मित्तल ने कहा कि राज्य शासन की यह महत्वपूर्ण योजना है। शासन द्वारा इस योजना के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। साथ ही जारी दिशा-निर्देशों का सही-सही पालन करें।

डाॅ. मित्तल ने कहा कि कल सोमवार 20 जुलाई को ‘‘हरेली‘‘ पर्व के दिन जिले में यह ‘‘गोधन न्याय योजना’’ प्रथम चरण में 76 गौठानों में आरंभ होगी। द्वितीय चरण में यह योजना सभी जिले की सभी 241 गोठानों में शुरू की जाएगी। उन्होनंे कहा कि कल हरेली पर्व से शुरू होने वाले इस योजना में गौठान समिति के अध्यक्ष, सचिव अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। यह सुनिश्चित किया जाये। गौठानों में पौधा रोपण भी किया जाये। वर्मी बैड प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाये।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. बारी-बारी से जिले के सभी विकासंखडों के जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित कृषि एवं पशु चिकित्सा अधिकारियों से गोबर क्रय, घर से गोबर ढुलाई, गोबर माप के साथ ही वर्मी कम्पोस्ट तैयार आदि करने की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गोबर को संग्रहित कर इसका उपयोग किया जायेगा।

गोबर क्रय राशि का भुगतान निर्धारित दिवस के भीतर गौठान समिति द्वारा संबंधित गौ-पालकों को किया जाएगा। शुरूआत में गोबर माप के लिए परम्परागत रूप से घमेला या टोकरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। गौठान में अद्र्वठोस गोबर दो रूपए और घर से क्रय किया जाने वाला गोबर निर्धारित परिवहन व्यय काट कर क्रय किया जाएगा। अगर गौ-पालक गौठान में गोबर लाकर देता है, तो दो रूपए की दर से क्रय किया जाएगा।

डाॅ. मित्तल ने कहा कि गौठान में वर्मी कम्पोस्ट तैयार के लिए स्थानीय ईच्छुक स्व-सहायता समूह को चिन्हांकित करने की बात कही।ं उन्होनंे कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक गौठानों के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारी गौठान समिति से चर्चा कर योजना को सुचारू रूप से संचालित करेंगे। डाॅ. मित्तल ने कहा कि इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।

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