भूपेश बघेल GST पर दोहरा चरित्र दिखा रहे

Shri Mi
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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जीएसटी पर दोहरा चरित्र दिखा रहे हैं। जीएसटी काउंसिल में छत्तीसगढ़ सरकार का नजरिया जीएसटी पर सहमति का रहता है और छत्तीसगढ़ में वे इसके विरोध की राजनीति करते हैं। कोयला में छत्तीसगढ़ में 900 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई है तो रेत गिट्टी में क्या स्थिति है, इसका अंदाज लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतायें कि रेत गिट्टी में जीएसटी वसूल रहे हैं या सीटी यानी कांग्रेस टैक्स? मुख्यमंत्री को शपथ पूर्वक बताना चाहिए कि जिस भी सामग्री पर कांग्रेस जीएसटी का विरोध कर रही है, उस पर छत्तीसगढ़ में जीएसटी वसूली जा रही है कि नहीं?

यदि जीएसटी से कांग्रेस और गैर भाजपा सरकारों का वाकई विरोध है तो ये जीएसटी काउंसिल में सहमति क्यों व्यक्त करते हैं। प्री पैकेज्ड फूड पर जीएसटी का फैसला केंद्र सरकार का फैसला नहीं है। यह जीएसटी काउंसिल का आम सहमति से फैसला है जिसमें कांग्रेस शासित राज्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्य पहले भी अनाज पर चार से छह फीसदी तक टैक्स लेते रहे हैं। जीएसटी का विरोध है तो भूपेश बघेल जीएसटी क्षतिपूर्ति की पांच साल की तय मियाद बढ़ाने की मांग लगातार क्यों कर रहे हैं। भूपेश बघेल जीएसटी से रकम कमाना चाहते हैं और इसके लिए राजनीतिक पैंतरेबाजी दिखाते हुए केंद्र सरकार पर तथ्यहीन दोष मढ़ते हैं। यह उनके दोहरे चरित्र का प्रमाण है।

जीएसटी परिषद में 3 कांग्रेसी और 7 भाजपा विरोधी दलों के नेता शामिल हैं। इनमें से किसी ने भी पैकेज्ड फूड पर जीएसटी दरों का विरोध नहीं किया। इनमें से अधिकतर का एजेंडा इन दरों को लागू करवाने था। तब भूपेश बघेल और कांग्रेस द्वारा किया जा रहा विरोध नाटक नहीं तो और क्या है? खाद्य पदार्थों में 25 किलो से ऊपर की पैकिंग पर कोई टैक्स नहीं है। 25 किलो के नीचे भी खुले बिकने वाले खाद्य पदार्थो पर कोई टैक्स नही है। टैक्स केवल ब्रांडेड पर है। भूपेश बघेल को गरीब की चिंता है या ब्रांडेड लोगों की चिंता में वे दुबले हो रहे हैं। गरीब और आम लोग तो शक्कर दाल, दही, पनीर सब खुले में लेते हैं, ब्रांडेड फूड तो भूपेश बघेल और उनके फटी जेब का कुर्ता दिखाने वाले नेता राहुल गांधी जैसे कांग्रेसियों की ही पसंद है। भाजपा आम गरीब जनता की चिंता करती है और कांग्रेस गरीब को राजनीति का मोहरा बनाती है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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