तबादला कथा-सरकार की पोर्टल आधारित स्थानांतरण नीति में झोल..पढिए -लुका छिपी जारी हो रहे आदेशों में कैसे हो रही नियमों की अनदेखी..?

Shri Mi
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रायपुर।राज्य सरकार की पोर्टल आधारित स्थान्तरण नीति अव्यवहारिक है नीति ही नही बनी और हज़ारों आवेदन लिए गए है जिसमे कई खामियाँ हैं अब तक लुका छिपी में हुए स्थांनतरण के खिलाफ आवाज उठाते हुए रायपुर के शिक्षक नेता नरेन्द्र सिंह ठाकुर ने प्रेस नोट के माध्यम से बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ में स्थान्तरण पर प्रतिबंध के बावजूद कई स्थान्तरण हो रहे थे जिसमें भ्र्ष्टाचार की शिकायतें मिलने के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने निर्देश जारी किया कि अब कोई भी स्थान्तरण मुख्यमंत्री के निर्देश के बिना स्कूल शिक्षा विभाग में नही होंगे, इस आदेश के बाद फिर एक आदेश आया कि अब सभी तरह के स्थान्तरण के लिये पोर्टल पर आवेदन करना होगा फिर स्थान्तरण पर प्रतिबंध हटने के बाद ये सब स्थान्तरण होंगे।

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नरेन्द्र सिंह ने बताया कि आज लगभग 20 हज़ार से अधिक आवेदन प्रदेश भर में शिक्षकों के द्वारा किये गए हैं , जिनमे से 3 से 4 स्थान्तरण भी प्रतिबंध के बिना हटे ही स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आर पी वर्मा के हस्ताक्षर से जारी किये गए जो कि सरकार के ही नियम का खुला उल्लंघन है।

राज्य शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह ने कहना है कि पोर्टल पर स्थान्तरण के सम्बंध में कोई नीति ही जारी नही की गई है , पोर्टल में आवेदन के सुधार एवं स्कूलों के विकल्प, जिला , संभाग और राज्य स्तर पर स्थान्तरण की प्रक्रिया कैसे होगी इसका कँही कोई उल्लेख नही है। स्थान्तरण आवेदन के अनुशंसा प्रक्रिया भी पारदर्शी नही है। पोर्टल में जिन शिक्षकों ने जिला संभाग और राज्य स्तर पर आवेदन किया है उनके आवेदन की अनुशंसा की जांच आवश्यक है क्योंकि कई जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी आवेदन की अनुशंसा करने में मनमानी कर रहे हैं ,इसकी भी जांच आवश्यक है।

नरेन्द्र ने बताया कि हाल यह है कि कई आवेदन पर पढ़ाई प्रभावित होने की रिमार्क लिखकर अनुशंसा नही की जा रही है तो कई जिले में संभाग और राज्य स्तर पर किये गए आवेदन पद रिक्त हो जाने का हवाला देकर नही किया जा रहा है , वही कुछ ट्रांसफर तो बिना अनुसंशा के ही कर दिये गये ।ऐसे में फिर नही लगता कि प्रदेश में पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी स्थान्तरण हो पायेगा । पोर्टल में कई तरह की त्रुटियां हैं जैसे कि स्कूलों में पद रिक्तियों का विवरण सही नही है और आवेदन में सुधार का और अन्य स्कूल के विकल्प चयन का भी प्रावधान पोर्टल में नही है तो ऐसी स्थिति में हजारों आवेदन तो इसी आधार पर निरस्त हो जाएंगे। जो कि बाद में न्यायालय जाएंगे और फिर पदोन्नति की तरह ही स्थान्तरण की प्रक्रिया शुरु होने से पहले ही रुक जाएगी।

राज्य शिक्षक संघ ने प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से आग्रह किया है पहले स्प्ष्ट स्थान्तरण प्रकिया जारी करें फिर समयबद्ध तरीके से स्थान्तरण हो।
पोर्टल में आवेदन में सुधार , रिक्त पद की सही जानकारी , आवेदन अनुशंसा की समयसीमा , पति पत्नी, स्थान्तरण , प्रतिनियुक्ति सहित जिला संभाग और राज्य स्तर पर स्थान्तरण के विकल्प में सुधार करने की मांग की गई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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