सरगुजा के 14 विधायक और 2 सांसदों के इस्तीफे का प्रस्ताव,हसदेव अरण्य को बचाने “जनसभा” में अमित जोगी बोले-भौंरा मुख्यमंत्री और गिरगिट गैंग हैं जिम्मेदार

Chief Editor
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रायपुर/अंबिकापुर ।  सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत साल्ही, हरिहरपुर में शनिवार को हज़ारों की संख्या में लगभग 32 ग्रामों से आये वनवासियों ने विशाल जनसभा की। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के अध्यक्ष अमित जोगी, लोरमी विधायक धरमजीत सिंह की अगुवाई और सामाजिक कार्यकर्ता सुदीप श्रीवास्तव तथा  आलोक शुक्ला के मार्गदर्शन  में हुई इस ऐतिहासिक जनसभा में 32 गाँवों के पंचायत प्रतिनिधियों ने जनसभा कर हसदेव बचाने चार प्रस्ताव पारित किये। जिसमें यह प्रस्ताव भी प्रमुख है कि हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सरगुजा संभाग के दो सांसद और 14 विधायकों को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए । साथ ही हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में ग्रामसभाएं आयोजित करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है।छत्तीसगढ़ की अहम खबरें अब आपके मोबाइल पर।हमारे न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

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छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ( जे.) की ओर से ज़ारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है कि जनसभा में चार प्रस्ताव पारित किए गए। पहला यह कि  सरगुजा संभाग के सभी 14 विधायक और दो सांसद अपना इस्तीफ़ा दें । जिससे हसदेव अरण्य में खनन परियोजनाओं कोबंद करने, राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाए और हसदेव को बचाया जा सके।

दूसरा प्रस्ताव है कि राज्यपाल द्वारा फ़र्ज़ी ग्राम सभाओं की जांच करने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को निर्देशित करने के बाद भी जांच शुरू नहीं हुई, इसलिए सरगुजा जिले के प्रभावित क्षेत्रों में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में ग्राम सभाएं आयोजित की जाए।

तीसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि  जब तक उच्चतम न्यायालय का हसदेव पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक छत्तीसगढ़ सरकार हसदेव अरण्य क्षेत्र में सभी परियोजनाओं में खनन गतिविधियों को तत्काल रोके।

चौथा प्रस्ताव है कि  हसदेव बचाओ आंदोलन को और मजबूत करने और पूरे देश को जागरूक कर इससे जोड़ने, दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन किया जाए।

विज्ञप्ति के अनुसार पारित हुए जनसभा प्रस्ताव को राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री,  उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्री को प्रेषित किया जाएगा।   

जनसभा में अमित जोगी ने हसदेव की लड़ाई को पूरे देश की लड़ाई करार दिया और कहा कि हसदेव का इलाका संविधान की पांचवीं अनुसूची में आता है, ये 1966 के पेसा कानून के अंतर्गत भी आता है और 2006 के वन अधिकार कानून, जिसके तहत आदिवासियों को जंगल का सामुदायिक अधिकार प्राप्त है उसमे भी आता है। इतने कानून और संवैधानिक अधिकार होकर भी हसदेव अरण्य को उजाड़ा जा रहा है। 

जोगी ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों नहीं चाहते, हसदेव बचे। वनवासियों ने अपनी रक्षा-सुरक्षा, जीवन-जीविका के लिये अडानी को वोट नहीं दिया है।राज्य में कांग्रेस और केंद्र में भाजपा सरकार को वोट दिया है।

हसदेव उजाड़ने कोयले और बिजली की कमी की के तर्क को अमित जोगी ने पूरी तरह झूठी और भ्रामक कहा । उन्होंने कहा कि देश में 3.2 लाख मिलियन टन कोयले का भंडार पहले से ही है।कोल इंडिया के अनुसार देश में कोयले की वर्तमान मांग लगभग 1000 मिलियन टन है और निति आयोग और स्वयं केंद्र सरकार कहती है कि साल 2050 तक कोयले की मांग दोगुनी हो जायेगी यानि 2000 मिलियन टन।  इसके बाद भी देश के पास प्रचुर मात्रा में कोयले का भण्डार है तो फिर हसदेव को क्यों उजाड़ा जा रहा है। 

 भूपेश बघेल को “भौरा मुख्यमंत्री” कहते हुए अमित जोगी ने कहा कि वो सबको घुमाते हैं। राहुल गाँधी, भूपेश बघेल, भाजपा और सरगुजा संभाग के जनप्रतिनिधियों को  “गिरगिट गैंग” का सदस्य बताते हुए अमित जोगी ने कहा कि ये गैंग अगर चाहे तो हसदेव की बर्बादी रोक सकता है लेकिन ये रंग बदलू गिरगिट गैंग है, इसने हसदेव बचाने दोहरे मानदंड अपनाएं।   

गिरगिट नंबर एक: राहुल गाँधी

अमित जोगी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को गिरगिट नंबर वन करार दिया और कहा कि जून 2015 में मदनपुर की भरी सभा में, जहाँ अमित जोगी भी मौजूद थे, ग्रामवासियों ने राहुल गाँधी से हसदेव अरण्य की समस्या बताई तो हज़ारों लोगों के सामने उन्होने कसम खाई कि वो हसदेव में  खनन होने नहीं देंगे। 2018 में छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार बनी, तो खनन रोकना तो दूर, उल्टा परसा ईस्ट केते बासन (PEKB) ब्लॉक के दूसरे चरण और परसा ब्लॉक को मंजूरी दे दी और पूरे घाटभर्रा गाँव सहित हसदेव अरण्य को उजाड़ने का सौदा कर लिया ।अभी पिछले महीने 25 मई को सूट बूट पहन कर कैंब्रिज लंदन में कहते हैं, ‘हसदेव को बचाया जाना चाहिए’।अमित जोगी ने राहुल गाँधी से पूछा कि आपको कौन रोक रहा है हसदेव बचाने से ? 

गिरगिट नंबर दो: “भौरा मुख्यमंत्री” भूपेश बघेल:   

 वहीँ भूपेश बघेल को गिरगिट नंबर दो करार देते हुए जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री” कहते हैं “बाबा कहेंगे तो डंगाल भी नहीं तोड़ेंगे”।मुख्यमंत्री आदिवासियों के संघर्ष का अपमान कर रहे हैं और बाबा के साथ राजनितिक रोमांस कर रहे हैं। हसदेव अरण्य बर्बाद हो जायेगा, ग्रामीण आदिवासियों का अस्तित्व मिट जाएगा।  हसदेव-बांगो बाँध के कैचमेंट एरिया से सरगुजा-जांजगीर-चांपा जिलों के 5 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में तीन फसली सिंचाई होती है। 90% कृषि भूमि की जीवनदायिनी हसदेव नदी है।12 लाख पेड़  काटे जाएंगे।  सब बर्बाद हो जाएगा। 70 हज़ार वर्ग किलोमीटर का हसदेव अरण्य 700 वर्ग किलोमीटर में सिमट जाएगा।  मानव हाथी संघर्ष बढ़ेगा, बाढ़ का खतरा बढ़ेगा, जीव जंतु नष्ट हो जाएंगे। और भौरा मुख्यमंत्री कहते हैं “बाबा कहंगे तो डंगाल नहीं काटूंगा” , अमित जोगी ने कटाक्ष कर कहा कि “बाबा तो सीएम की कुर्सी देने भी बोल रहे हैं, तो भूपेश बघेल क्यों नहीं दे देते ?”

 अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं कि हसदेव से राज्य सरकार का लेना-देना नहीं है, वो तो केंद्र का काम है। सरासर झूठ। वन स्वीकृति, पर्यावरण, वन अधिकार अधिनियम, भूमि अधिग्रहण, भूमि का डायवर्सन, ग्राम सभाओं जैसे अनेकों क़ानूनी और संवैधानिक प्रक्रियाएं राज्य सरकार के अधीन हैं। राज्य सरकार चाहे तो अगले एक घंटे में हसदेव अरण्य को कोयला परियोजनाओं से मुक्त कर सकती है।सारी स्वीकृति रद्द कर दे और ग्राम सभाओं में पारित खनन रोकने के प्रस्ताव  को मान्य कर खनन रोकने का आदेश केंद्र को भेज दे। लेकिन “भौरा मुख्यमंत्री” ने सारे नियमों और कानूनों को घूमा कर, मृत लोगों के हस्ताक्षर कर, फ़र्ज़ी और गैर-क़ानूनी ग्राम सभाएं कर परियोजना को स्वीकृति दी और जो क़ानून और संविधान के दायरे में ग्राम सभायें हुईं जिसमे स्थानीय ग्रामीणों ने खनन को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया उसे अमान्य कर दिया और तारीख आगे बढ़ा दी ।

गिरगिट नंबर तीन : भारतीय जनता पार्टी

 अमित जोगी ने भाजपा को गिरगिट नंबर तीन करार देते हुए कहा कि ये तो बेशर्मों की जमात है।एक दशक से छत्तीसगढ़ में जब इनकी सरकार थी तो इन्होने पूंजीपतियों को अपनी गोद में उठाकर हसदेव सौंपा और जब केंद्र में इनकी सरकार आयी तो क्या कहने। सब नियम, कानून, नो गो सबकी धज्जियां उड़ा कर, राज्य की कांग्रेस सरकार को पटाकर हसदेव को उजाड़ रहे हैं। जोगी ने भाजपा विधायकों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वो वाकई हसदेव बचाने गंभीर हैं तो केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखकर दिखाएं  कि “छत्तीसगढ़ के  सभी भाजपा विधायकों की राय है कि हसदेव अरण्य में सभी खनन परियोजनाओं का काम बंद होना चाहिए। जोगी ने कहा कि  भाजपा विधायक कभी नहीं लिखेंगे, क्योंकि उनको मालुम है कि अगर ऐसा लिखा तो डंडा दिल्ली में उठेगा और आह यहाँ होगी।

गिरगिट नंबर चार: सरगुजा जिले के जनप्रतिनिधि

 सरगुजा जिले में पीईकेबी खनन परियोजना पिछले 9 वर्षों से संचालित है लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने पहले इसका विरोध नहीं किया। क्यों ? जब  छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के कार्यकाल में  घाटभर्रा और अन्य गाँवों के वनाधिकार पट्टे निरस्त हुए तो सरगुजा जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि ने गोली खाने की बात नहीं की। क्यों ? अब सरकार भी बदल गयी और रंग भी बदल गया। “भौरा मुख्यमंत्री” कहते हैं बाबा कहें तो एक डंगाल भी न काटूं।  अरे तो बाबा साहब आप इतने दिनों तक क्यों चुप रहे ? ये बात पहले ही आपके “भौरा मुख्यमंत्री” को बोल देते, कम से कम हज़ारों पेड़ तो आपके बोलने के इंतज़ार में नहीं कटते।

  वहीँ अमित जोगी ने सरगुजा जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन जनता का सेवक हैं, अधिकारी का काम संविधान को मानना और कानून अनुसार जनता के हित लिये कार्य करना है। सरकारें आतीं और जातीं रहेंगी ।फ़र्ज़ी हस्ताक्षर, फ़र्ज़ी ग्राम सभा, दबंगाई और धमकी की तो ठीक नहीं होगा । जोगी ने आगे कहा कि अगर अब कोई भी फ़र्ज़ी काम किया तो, तो मैं अमित अजीत जोगी  जिम्मेदार अधिकारी के घर के दरवाजे पर आकर बैठ जाऊँगा और दरवाजे पर ही रहूँगा दिन-रात। तुम पुलिस बुलाओगे तो मैं पब्लिक बुलाऊंगा। याद रखना, देश में संविधान और जनादेश से ऊँचा कोई नहीं है। हसदेव अरण्य के ग्रामवासी नहीं चाहते खनन तो वही होगा। तुम्हारे आका कितनी भी कोशिश कर लें , ये लड़ाई हारेंगे , जीतेगा तो हसदेव ही।

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