CG हड़ताल अपडेट-काँग्रेस विधायको ने CM को लिखी चिट्ठी,अब कोई रास्ता निकलने के आसार?

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ के शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की दो सूत्रीय मांग महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने को लेकर प्रदेश के विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखी है। उम्मीद की जा रही है कि इससे आंदोलन को लेकर पिछले कई दिनों से बना गतिरोध दूर हो सकता है। इस लिहाज़ से विधायकों की ओर से लिखी गई चिट्ठी महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे फेडरेशन के उस कदम के असर के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसके तहत हड़ताली कर्मचारियों ने पूरे छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों से मिलकर ज्ञापन सौंपे हैं।

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मिली जानकारी के अनुसार विधायक और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल,खुज्जी विधायक छन्नी चंदू साहू एवं डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू ने सीएम बघेल को पत्र लिखा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के शासकीय अधिकारी और कर्मचारी केंद्र के समान 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। विधायकों ने अपने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए शासन के नियमानुसार उचित कार्यवाही करेंगे।

सत्ता पक्ष – कांग्रेस के विधायकों की ओर से चिट्ठी लिखे जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि हड़ताल को लेकर पिछले कई दिनों से बना हुआ गतिरोध दूर करने के लिए कोई रास्ता निकल सकता है। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के फेडरेशन ने भी प्रदेश भर में अपने विधायक – सांसदों से मिलकर उन्हे ज्ञापन सौंपे थे । कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकारी कर्मचारी भी वोटर हैं और जब वे अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं तो जनप्रतिनिधियों को भी अपने स्तर पर पहल करना चाहिए । माना जा रहा है कि उनके कदम का असर हुआ है और विधायकों ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।

प्रदेश के वरिष्ठ ट्रेड यूनिय़न नेता और छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रमुख संरक्षक पी.आर. यादव ने भी हाल ही में सोशल मीडिया के ज़रिए इस सिलसिले में एक पत्र ज़ारी किया था । ज़िसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर 2 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के निर्णायक दौर में पहुंच चुके हैं। फेडरेशन ने इन मांगों के संबंध में मुख्य सचिव को 30 मई 2022 को ज्ञापन प्रांत/जिला/ब्लॉक के माध्यम से सौंपा गया था। द्वितीय चरण आंदोलन के तहत 29 जून को सामूहिक अवकाश लेकर प्रदेश बंद कराया गया था।

तृतीय चरण आंदोलन के तहत 25 जुलाई से 29 जुलाई तक सामूहिक अवकाश लेकर निश्चितकालीन ऐतिहासिक आंदोलन किया गया। चौथे चरण के तहत 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी है। हमें अपनी पूरी क्षमता के साथ शासन पर दबाव बनाने हेतु सत्तारूढ़ पार्टी के जनप्रतिनिधियों के सहयोग की आवश्यकता है। फेडरेशन ने दिनांक 26 एवम् 27 अगस्त को पूरे प्रदेश के सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के माननीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, निगम/ मंडल/ आयोग/ के अध्यक्ष ,महापौर/ अध्यक्ष एवं शासन द्वारा मंत्री का दर्जा प्राप्त जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री के नाम निर्धारित प्रारूप अनुसार ज्ञापन सौंपते हुए मांगों के समर्थन पर उनका समर्थन प्राप्त करना है।

साथ ही हमारी मांगों को संबंध में विस्तार से चर्चा कर जानकारी देना है।जनप्रतिनिधियों को फेडरेशन के तीसरे चरण के आंदोलन के बाद फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ सीएम के निर्देश पर मंत्रालय में सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ दो दौर की हुई थी। चर्चा उपरांत फेडरेशन द्वारा दिए गए सुझावों से सहमत होते हुए फेडरेशन के प्रतिनिधियों को सीएम से भेंट कराने की बात हुई थी,लेकिन अधिकारियों ने सीएम से ऐसे कर्मचारी नेताओं को भेंट कराया गया, जिनका इस आंदोलन से कोई संबंध नहीं रहा है। ऐसे लोग हमारे आंदोलन का विरोध भी करते रहे है।इन लोगों के कारण डीए का जो आदेश जारी हुआ उसमे एरियर्स/ देय तिथि का उल्लेख नहीं होने से प्रदेश के कर्मचारियों को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।इन घटनाओं से भी जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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