CG NEWS:बिलासपुर जिला उद्योग संघः पचास साल की स्वर्णिम यात्रा – पढ़िए कैसे 6 लोगों से हुई शुरूआत …. और बढ़ता गया कारवां
8 स्टॉल से शुरू हुए व्यापार मेले ने राष्ट्रीय स्तर पर बनाई अपनी पहचान
CG NEWS:बिलासपुर जिला उद्योग संघ ने 50 साल का सफर पूरा कर लिया है। इसकी शुरुआत के समय स्व. श्री देवचंद भाई जोबनपुत्रा पहले अध्यक्ष बने थे। संस्थापक सदस्यों में स्व. श्री शंकर लाल जाजोदिया, स्व. श्री दशरथ लाल खंडेलवाल, स्व, श्री किसन लाल लूथरा, स्व. श्री अब्बास भाई पेटी वाला और श्री हरीश केडिया शामिल थे। पहले कार्यकारिणी में श्री हरीश केडिया ने सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी। जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं और बिलासपुर के उद्योग जगत की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
बिलासपुर जिला उद्योग संघ का स्वर्णिम इतिहास रहा है। इस संगठन के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों ने अपने कुशल नेतृत्व के साथ पारिवारिक वातावरण में सभी को साथ लेकर चलने में सफलता हासिल की। जिससे यह संगठन अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से ही बिलासपुर के औद्योगिक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इस संगठन से बिलासपुर के उद्यमियों को अपना उद्योग लगाने और उद्योगों को विकसित कर नया मुकाम देने में लगातार मदद मिलती रही। जिला उद्योग संघ के प्रयास से बिलासपुर में आयोजित होने वाला राष्ट्रीय उद्योग एवं व्यापार मेला मध्य भारत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने में भी कामयाब रहा । कुछ स्टॉल के साथ शुरू हुए उद्योग एवं व्यापार मेला ने समय के साथ आगे बढ़ते हुए वृहद रूप में अपनी पहचान बनाई। जिसने बिलासपुर शहर को एक पहचान दी।
50 साल का सफर पूरा करने करते हुए बिलासपुर जिला उद्योग संघ अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। इस अवसर पर बिलासपुर का उद्योग जगत जिला उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्षों के भी योगदान को याद कर रहा है। 1975 में सबसे पहले श्री देवचंद भाई जोबनपुत्रा जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष बने जो 1981 तक इस पद पर रहे। इसके बाद 1982 में श्री चंद्रशेखर जालान ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। 1984 में श्री श्याम अग्रवाल जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद 1985 में राजेंद्र ओझा, 1986 में मंगत राय अग्रवाल, 1987 में श्री हरीश केडिया, 1991 में श्री अरुण अग्रवाल, 1993 में स्व. श्री कांतिलाल जोबनपुत्रा, 1995 में श्री अरविंद गर्ग, 1997 में स्व. श्री अनिल लूथरा, 1999 में श्री सुनील मारदा, 2001 में श्री भारत भूषण हांडा ,2003 में श्री शरद सक्सेना, 2005 में श्री चंद्रकांत भट्ट, 2007 में श्री अनिल अग्रवाल, 2009 में श्री अर्जुन अग्रवाल, 2011 में श्री जितेंद्र गांधी , 2013 में श्री एस पी चतुर्वेदी, 2015 में श्री विनोद अग्रवाल, 2017 में श्री अजय जाजोदिया, 2019 में श्री बृजमोहन अग्रवाल जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष रहे । 2023 से अब तक श्री अनिल सलूजा बिलासपुर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष हैं ।
शुरूआत की दिलचस्प कहानी...
जिला उद्योग संघ की शुरुआत के दौर की भी दिलचस्प कहानी है। संगठन की पहले कार्यकारिणी में सचिव रहे हरीश केडिया छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के मौजूदा अध्यक्ष हैं। वे जिला उद्योग संघ के संस्थापक सदस्यों में है । उन्होंने बताया की संयुक्त मध्य प्रदेश के समय में 1975 में उद्योग विभाग में सहायक संचालक पी एल चोपड़ा बिलासपुर में पदस्थ थे। उन्होने जिला उद्योग संघ गठित करने की सलाह दी थी। उस समय 6 लोग ( देवचंद भाई जोबनपुत्रा, शंकर लाल जाजोदिया, दशरथ लाल खंडेलवाल, किशनलाल लुथरा, अब्बास भाई पेटी वाला और हरीश केडिया ) शंकर लाल जाजोदिया की गद्दी में एक साथ बैठे। इस बैठक में जिला उद्योग संघ का गठन किया गया और देवचंद भाई जोबनपुत्रा को पहला अध्यक्ष बनाया गया । पहले कार्यकारिणी में हरीश केडिया को सचिव की जिम्मेदारी दी गई। हरीश केडिया बताते हैं कि उस समय छोटे-छोटे उद्योग ही शहर में चलते थे। जिसमें नमक के प्लास्टिक थैलियों में पैकेजिंग का काम अधिक होता था। इसी तरह से मोहल्लों में छोटी-छोटी बेकरी भी संचालित थी। उस दौर में शॉर्टेज की समस्या थी और मैदा – नमक – शक्कर जैसी चीज परमिट से मिला करती थी। उद्योग संघ ने कलेक्टर से मिलकर पहल की और कलेक्टर ने इसकी व्यवस्था कर दी।जिससे इस काम में लगे लोगों को बड़ी राहत मिल गई । इस पहल के बाद कई जिला उद्योग संघ की सक्रियता और बढ़ती गई ।
एसईसीएल सहायक उद्योग की लड़ाई में सफलता
इसी तरह स्टील का भी शार्टेज़ था। करीब 40 साल पहले इस समस्या को देखते हुए बिलासपुर के तिफरा में छत्तीसगढ़ केमिकल में किराए का शेड लेकर मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम का स्टील डिपो बनाया गया । जिससे लोगों की दिक्कत दूर हुई। हरीश केड़िया आगे बताते हैं कि जिला उद्योग संघ ने एसईसीएल के सहायक उद्योगों के लिए भी लड़ाई शुरू की। इसके बाद सबसे पहले 35 सहायक उद्योगों की घोषणा की गई ।बाद में यह संख्या 100 तक पहुंची।
8 स्टाल से शुरू हुआ मेला…
उद्यमियों और औद्योगिक संगठनों की औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं के निराकरण और उनके विकास के साथ ही जिला उद्योग संघ ने आम लोगों से जुड़ने और स्थानीय उत्पादों को एक पहचान देने के लिए राष्ट्रीय उद्योग एवं व्यापार मेला की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि 1996 में राघवेंद्र राव सभा भवन में 8 स्टॉल के साथ मेला शुरू किया गया। उस समय मंच पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री बी .आर. यादव और महापौर राजेश पांडे की उपस्थिति में उद्घाटन किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ते – बढ़ते व्यापार मेले का बृहद स्वरूप हुआ और व्यापार विहार में 500 स्टॉल लगाए गए। जिसकी चर्चा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हुई।हरीश केडिया को यह बताते हुए संतोष होता है कि कुछ लोग मिलकर आगे बढ़े थे … और कारवां बनता गया , बढ़ता गया ।
तिफरा में पहला इंडस्ट्रियल स्टेट…
बिलासपुर के तिफरा में 1963 में पहला इंडस्ट्रियल स्टेट बना था। 1984 में सिरगिट्टी और 2000 में सिलपहरी में इंडस्ट्रियल एरिया घोषित हुआ । 1963 में 20 जुलाई को मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल श्री हरि विनायक पातस्कर ने तिफरा औद्योगिक संस्थान का शिलान्यास किया था। जिसका पत्थर अब भी मौजूद है ।