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Chhattisgarh

CG News: अनिल टुटेजा व अन्य के विरुद्ध आए फैसले पर भाजपा विधायक की पीसी

CG News: दुर्ग। पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा एवं अन्य के विरुद्ध आए फैसले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर ने दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि शराब घोटाले पर पिछले दिनों आए उच्च न्यायालय बिलासपुर के एक महत्वपूर्ण फैसले में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार द्वारा किए घोटाले की कलई एक बार और खोल दी है।

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इस फैसले से भाजपा द्वारा इन अपराधियों के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों की एक बार फिर से पुष्टि हुई है। बिलासपुर उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं में छह याचिकाएं ईडी के खिलाफ, जबकि सात याचिकाएं ईओडब्ल्यू व एसीबी के खिलाफ दायर की गई थी। याचिकाओं में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी की पुन: की जा रही कार्रवाई और ईओडब्ल्यू व एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए उन्हें खारिज करने की मांग की थी।

विधायक चंद्राकर ने कहा कि कोर्ट ने अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अरूणपति समेत अन्य आरोपियों द्वारा जांच एजेंसियों के खिलाफ दायर कुल 13 याचिकाओं को एक साथ खारिज कर दिया है। अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि एक संगठित अपराध की तरह इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, ऐसा लग रहा है।

छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री (आधिकारिक) के लिए शराब आपूर्तिकर्ताओं से अवैध कमीशन लिया गया। राज्य द्वारा संचालित ऑफ-द-रिकॉर्ड बेहिसाब अवैध देशी शराब की बिक्री यह डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माणकर्ता की सक्रिय भागीदारी से किया गया था। इसमें बोतल निर्माता, ट्रांसपोर्टर, जनशक्ति प्रबंधन और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारी भी शामिल थे। डिस्टिलर्स द्वारा उन्हें कार्टेल संचालित करने और राज्य में बाजार हिस्सेदारी को आपस में विभाजित करने की अनुमति देने के लिए वार्षिक कमीशन भुगतान किया गया।

ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर और विवेचना को चुनौती देते हुए अनिल टूटेजा, यश टूटेजा, अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी, निरंजन दास, नीतेश पुरोहित आदि द्वारा हाई कोर्ट में पिटीशन फाइल की गयी थी। हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 10 जुलाई 2024 को आदेश सुरक्षित रखा था। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजऩ बेंच ने अपने आदेश 20 जुलाई 2024 द्वारा आरोपियों द्वारा दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया।

प्रेस वार्ता में भाजपा जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, विधायक ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, महामंत्री सुरेंद्र कौशिक, उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार पाध्ये, दिलीप साहू, मीडिया प्रभारी राजा महोबिया, सोशल मीडिया प्रभारी रजनीश श्रीवास्तव, सह प्रभारी नारायण दत्त तिवारी उपस्थित रहे।

विधायक चंद्राकर ने बताया कि ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान, यह पता चला है कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक आपराधिक सिंडिकेट काम कर रहा था, जो शराब की बिक्री में अवैध कमीशन वसूल रहा था और सरकारी शराब की दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की अनधिकृत बिक्री में भी शामिल था।

अनुमान है कि संदिग्धों द्वारा लगभग 2161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई है। एफआईआर में नौकरशाहों, राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य व्यक्तियों सहित 70 नामित व्यक्ति हैं और वर्तमान में यह एक संगठित अपराध का मामला है जिसे जांच एजेंसियों द्वारा तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की जरूरत है। राज्य पुलिस प्रतिवादी राज्य/एसीबी ईओडब्ल्यू या ईडी की कोई भी कार्रवाई पीएमएलए के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन या सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं पाई गई है।

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