धमतरी/ शासन के निर्देशानुसार स्कूलों में जाति एवं निवास प्रमाण-पत्र बनाए जाने के लिए परस्पर विभागीय समन्वय स्थापित करने, तकनीकी एवं व्यावहारिक दिक्कतों को दूर कर प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने आज राजस्व एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने इसके लिए दोनों विभागों को तालमेल के साथ कार्य करते हुए प्रमाण-पत्र बनाने की कार्रवाई में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज दोपहर 3.30 बजे आयोजित बैठक में कलेक्टर ने प्रमाण-पत्र बनाने के लिए क्लस्टर गठित करने के लिए कहा, जिसमें संबंधित स्कूल के राजस्व निरीक्षक के द्वारा आवश्यक प्रमाण-पत्रों की पूर्ति के लिए संबंधित पटवारी को निर्देशित किया जाएगा, जिसमें मिसल रिकॉर्ड, वंशावली, आय एवं सम्पत्ति के विवरण की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद संबंधित मिडिल स्कूल के प्रधानपाठक के द्वारा पालकों को निर्धारित प्रारूप उपलब्ध कराकर उसमें वांछित जानकारी भरकर आवश्यक दस्तावेजों का संग्रहण किया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि जिले के स्कूलों के माध्यम से जाति प्रमाण-पत्र बनाए जाने की प्रगति बेहद कम है। इसे गम्भीरता से लेते हुए राजस्व और स्कूल शिक्षा विभागों को जरूरी कदम उठाने होंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राजस्व विभाग के अधिकारी प्रमाण-पत्र बनाने के ऐसे प्रकरणों को प्राथमिकता से निबटाएं, जिनमें सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न होंगे। जिन प्रकरणों में पेचीदगी है, उन्हें अलग कर शेष प्रमाण-पत्रों को तत्परता से बनाकर संबंधित शाला प्रमुख को देकर शीघ्रता से वितरण की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
साथ ही इन प्रमाण-पत्रों को ऑनलाइन तैयार करने की कार्रवाई में तेजी लाने के भी निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। इसके लिए विद्यार्थियों की जातिवार सूची तैयार करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक ने राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को परस्पर बैठकर तकनीकी दिक्कतों को दूर करने व समय-सीमा में प्रमाण-पत्र तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार, सभी ब्लॉक के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और स्त्रोत समन्वयक उपस्थित थे।