Contract Workers Movement/गरियाबंद। प्रदेश के कांग्रेस सरकार के वादा खिलाफी को लेकर जिले सभी 54 शासकीय विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी कांग्रेस के 2018 में चुनावी जन घोषणापत्र में किए गए वादे नियमितिकरण की माँग को लेकर 5 दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए सामूहिक हड़ताल की शुरुआत कर दिए।
Contract Workers Movement-सोमवार को जिला मुख्यालय गाँधी मैदान में सभी 54 शासकीय विभाग में कार्यरत विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा 2018 में चुनावी जन घोषणापत्र में किए गए वादे, नियमितिकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सामूहिक हड़ताल की शुरुआत कर दी है। 5 दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिवस कर्मचारी कोल्हू का बैल बनकर या चित्र के माध्यम से प्रदर्शन किया।
Contract Workers Movement-महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेष तिवारी/जिला समन्वयक.आशीष कुमार सिंह ने बताता कि वर्तमान कांग्रेस सरकार बनने के चार साल बाद भी 2018 के चुनावी जन घोषणापत्र में किए नियमितिकरण के वादे और हमारी मांगे पूरी नही की है, जबकि मात्र 1 वर्ष का कम समय सरकार के पास शेष है।
महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी स्वयं 14 फरवरी 2019 को अनियमित कर्मचारियों के मंच में आकर बोले थे इस साल किसान का किए है अगले साल अनियमित कर्मचारियों की मांग पूरा करेंगे लेकिन वो साल अभी तक नही आया है और तो और संविदा कर्मचारियों के मानदेय में भी 4 साल से वृद्धि नही हुवा है इस है कारण प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
प्रदेश सचिव श्रीकांत लास्कर ने कहा कि दीगर राज्यों में संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं। 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के बारे में यदि सरकार उचित निर्णय नही लेती है तो 30 जनवरी से 54 विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में जायेंगे। महासंघ के प्रवक्ता पतंजली मिश्रा गरियाबंद ने बताया कि नियमितिकरण की मांग को लेकर 28 जिले के 40 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए है।
कोलहू का बैल का चित्रण एवं प्रदर्शनी
संविदा कर्मचारियों की वर्तमान परिस्थितियों को दर्शाने के लिए कोल्हू का बैल बनकर प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि न तो 62 वर्ष की नौकरी की सुरक्षा, न ही सही ढंग से वेतन, न ही अनुकम्पा नियुक्त, और न ही अन्य शासकीय सेवकों की भांति अन्य कर्मचारी सुविधाऐं प्राप्त हो रही है।