CG- पेंडिंग DA की मांग :कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का राजधानी में जंगी प्रदर्शन,तीन सितंबर को सामूहिक अवकाश का फैसला

Shri Mi
4 Min Read

रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा ‘‘कलम रख मसाल उठा आंदोलन‘‘ के पांचवे चरण में आयोजित न्याय सभा में कर्मचारियों का दर्द छलका। प्रदेश भर से आए कर्मचारियों ने सरकार से पूछा ‘‘कर्मचारी न्याय योजना‘‘ कब बनेगा। राजधानी स्थित बूढ़ातालाब धरना स्थल में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संभाग एव जिला संयोजक सहित पदाधिकारियों तथा संबद्व संगठनों के प्रांताध्यक्षों एवं महामत्री ने सरकार को जन धोषणा पत्र के वादों को याद दिलाते हुए पूछा कि क्या सरकार ने अनियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का कार्य योजना बनाया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

क्या सरकार ने कर्मचारियों अधिकारियों को चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान् एवं समयमान् वेतनमान् लागू करने की कार्य योजना बनाई है। सातवें वेतन आयोग के बकाया एरियर्स की राशि के भुगतान का कार्य योजना बनाया है। पुरानी पेंशन योजना को पुनः बहाल करने की योजना बनाई है। सी.पी.एस.मूल वेतन के बजाय कुल वेतन का 10 प्रतिशत् योगदान देने का कार्य योजना बनाया है। दिनांक 01 जुलाई 2019 से लंबित मंहगाई भत्ता के भुगतान का कार्य योजना तैयार किया है। बूढ़ातालाब धरना स्थल में आज कर्मचारियों विगत् ढाई वर्षो से में समुचित न्याय नहीं मिलने पर फेडरेशन से संबंद्व विभिन्न संगठनों के प्रांताध्यक्षों का आक्रोष फूट गया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष वन सतीश मिश्रा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के रोकथाम एवं उपचार में अपने जान की बाजी लगाकर अपने कर्तव्यों के प्रति तत्पर रहे है। लेकिान अपने मौलिक अधिकार मंहगाई भत्ता के लिए भी आंदोलन करना पड़ रहा है। यह बहुत ही दुखद है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा कि सरकार सभी वर्गो के लिए न्याय योजना बना रही है तो कर्मचारियों के लिए न्याय योजना क्यों नहीं बना रही है। प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने कारोना काल में सरकार द्वारा किए गए जनहित के कार्याे प्रकाश डालते हुए विगत् दो वर्षा से मंहगाई भत्ता न मिलने के कारण कर्मचारियों के अंदर आक्रोष पनप रहा है।

उन्होने न्याय सभा में एलान किया कि यदि राज्य सरकार ने मंहगाई भत्ते के मूद्दे पर 30 अगस्त तक निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी आगामी 03 सितंबर 2021 शुक्रवार को पूरे प्रांत के कर्मचारी अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर जिलों में कलम बंद आंदोलन करेगें। इसके बाद भी राज्य सरकार समय रहते कोई निर्णय कर्मचारीहित में नहीं लेती है तो अनिश्चितकालिन आंदोलन करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा। न्याय सभा को आर.के.रिछारिया, राजेश चटर्जी, संजय सिंह, बी.पी.शर्मा, पंकज पाण्डेय, ओंकार सिंह, चन्द्रशेखर तिवारी, मूलचंद शर्मा, डॉ. लक्ष्मण भारती, राकेश शर्मा, अश्वनी चेलक, प्रशांत दुबे, सत्येन्द्र देवांगन, नीरज प्रतापसिंह, डी.एस.भारद्वाज, आर.एन.ध्रुव, दिदेश रायकवार, सत्यदेव वर्मा, हरिमोहन सिंह, होरीलाल छेद्इया, एन.एच. खॉन, अजय तिवारी, दिलीप झा, रामसागर कोसले, बी.पी.सोनी, कैलाश चौहान, वीरेन्द्र नामदेव, रमेश ठाकुर, जिला संयोजक विजय लहरे, अश्वनी बैनर्जी, डॉ. विष्णु पैगवार, प्रदीप वर्मा, श्रीमती चन्द्रसेन, एस.के.दास, प्रमोद तिवारी, आर.डी.तिवारी, मुकेश पाण्डेय, शैलेन्द्र भदौरिया, मधुकांत यदु, डॉ. आई.पी.यादव, डॉ. एल.एस.ध्रुव, जे.पी.उपाध्याय, एम.एल.चन्द्राकर आदि नेताओं ने संबोधित किया। सभी ने समवेत स्वर में 03 सिततंबर के सामूहिक अवकाश आंदोालन को सफल बनााने का संकल्प पारित किया।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close