बलौदाबाजार भाटापारा।विकासखंड में शासन की मनाही के बाद भी संलग्न शिक्षको और बीआरसीसी के पद पर नियम विरुद्ध शिक्षक एल बी को प्रभार दिए जाने मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने क्लीन चिट देते हुए मामले पटाक्षेप कर दिया है।इस बीआरसीसी के प्रभार में एल आर साहू की नियुक्ति को डी ई ओ सी पी ध्रुव ने नियमानुसार बताते हुए तमाम विवादों का निपटारा कर दिया है।
मालूम हो कि विकासखंड स्रोत समन्वयक के पद पर शा. पूर्व मा. शाला सुरखी के शिक्षा कर्मी वर्ग 2 लखराम साहू को भाटापारा विकासखंड संकुल स्त्रोत समन्वयक के पद पर पिछले वर्ष प्रभारी बनाया गया। इसके पूर्व बीआरसीसी के पद पर व्याख्याता अशोक यदु वर्षों से कार्यरत थे,अशोक यदु को आनन-फानन में नियमों के हवाले से इस आधार पर हटा दिया गया था कि बीआरसीसी के पद पर व्याख्याता की नियुक्ति नहीं की जा सकती केवल वरिष्ठ प्रधान पाठक को ही यह दायित्व सौंपा जा सकता है लेकिन वर्तमान में कार्यरत लेखराम साहू न तो पर वरिष्ठम प्रधान पाठक है बल्कि वे व्याख्याता अशोक यदु के बीआरसीसी रहते हुए उनके अधीन संकुल समन्वयक का काम कर रहे थे।
स्थानीय शिक्षक संघों की आपत्ति के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच के लिए आश्वासन दिया था,लेकिन डीईओ सी पी ध्रुव ने विकासखंड भाटापारा में बीआरसी लेखराम साहू की नियुक्ति को क्लीन चिट देते हुए कलेक्टर द्वारा अनुमोदित किए जाने की जानकारी सीजीवाल को देते हुए बताया कि कार्य व्यवस्था के संचालन के लिए व्यवस्था में लेख राम साहू को बीआरसी का प्रभार दिया गया है, बीईओ कार्यालय में भी व्यवस्था में संलग्न शिक्षक जरूरी कामकाज के लिए रखे गए हैं,लेकिन मामले में महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि लेख राम साहू जिस मूल शाला से है ही वहाँ एक अन्य शिक्षक को भी संकुल समन्वयक बनाया गया है।
इस पर सीजी वाल से बातचीत में डीईओ ने कहा एक ही स्कूल से संकुल समन्वयक और बीआरसी दोनों बन सकते हैं, स्कूल में टीचर की कमी को दूर किया जाएगा।
आपको बताते चले पूरे प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसमे स्कूल का एक शिक्षक संकुल समन्वयक व दूसरा शिक्षक बीआरसीसी हो एवं जो संकुल समन्वयक के लिए चयन की पात्रता ना रखता हो तो उसे बीआरसीसी बना दिया गया हो। मामला सामने आने पर पहले 6 महीने से जांच का हवाला दिया जाता रहा आज यह साफ हो गया है अफसरशाही की मर्जी के आगे शासन के आदेश के टोकरे में डाल दिये जाते है, यही कारण है अफसरों के चहेते आज भी किसी न किसी बहाने से मनमर्जी की जगह में संलग्नीकरण मजा उठा रहा है,पेमेंट सीट पर कुछ दिन आराम फरमाये शिक्षक मन मसोसकर रह गए।
प्रभारी जिला मिशन समन्वयक सोमेश्वर राव ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने सम्बंधित व्यक्ति की नियुक्ति को लेकर अपना अनुमोदन दे दिया है।इस पर नियमो के उलंघन की बाते स्वमेव समाप्त हो जाती है।एवं शिक्षको की व्यवस्था के सम्बंध में यदि नियमो का पालन नही होता है तो शासन के द्वारा नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का अधिकार है।
शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुवे का मामले पर कहना है कि जिला बलौदाबाजार में जिले के शिक्षा अधिकारी आम शिक्षको का हक मार कर फैसला यदि कर रहे है तो यह आम शिक्षक साथियों के साथ अन्याय हो रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि मामला डीपीआई के संज्ञान में कैसे नही आया है।जब हक की लड़ाई में सभी शिक्षक साथियों ने हर मोर्चे पर बराबर साथ दिया है तो सभी के लिए एक समान नियम और आदेश लागू होना चाहिए। मामले की पूरी जानकारी लेकर डीपीआई में शिकायत की जायेगी।