CG NEWS:”चार शब्द” सब जगह लागू….. तो निशाने में शिक्षा विभाग ही क्यों… ?
CG NEWS”रायपुर (मनीष जायसवाल) । राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग में बीते दिनों कई अधिकारीयों और कर्मचारी की तबादला सूची जारी हुई थी। जो विभाग की एक सामान्य प्रक्रिया थी।जिसमे हुए संशोधन, निरस्तीकरण और प्रभारी जैसे शब्द विभाग की तबादला सूची में दिखाई दिए आमतौर पर ऐसी सूचियां में ये शब्द आम होते है। जो बताते है कि सरकार किसी की भी रहे ये शब्द ट्रांसफर पोस्टिंग के दौरान सिस्टम का एक हिस्सा है…। लेकिन शिक्षको के बीच इस बार यह शब्द सुर्खियां में आ गया है।पिछली सरकार के दौरान संशोधन, निरस्तीकरण और प्रभारी ये शब्द ये स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षको के बीच चर्चित रहे थे। इन शब्दों ने आरोप प्रत्यारोप के लिए और कटाक्ष के लिए नए नए मुहावरों को जन्म दे दिया ..। कर्मचारी नेताओं से लेकर राजनेताओं तक ने पिछली सरकार के दौरान सोशल मिडिया सहित आम चर्चाओं में ट्रांसफर ,संशोधन, निरस्तीकरण और प्रभारी और प्रति नियुक्ति जैसे शब्दों पर बहुत कुछ कहा सुना गया है..। इस दौरान सबसे अधिक तकलीफ उन शिक्षक और कर्मचारियों को हुई जिनके किसी आदेश में इन शब्दों का प्रयोग हुआ था।
शिक्षको के बीच नगरीय प्रशासन विभाग में हुए ट्रांसफर सूची के चार शब्द इसलिए भी चर्चा में इस लिए भी है क्योंकि यहां पर कोई लिपिकीय त्रुटि नही दिखाई दे रही है। पांच दिन बाद के आदेश में हुए संशोधन में कही न कही सुविधाएं दिखाई दे रही है। ठीक ऐसी सुविधा शिक्षकों की नियुक्ति हो या फिर पदोन्नति के बाद पद स्थापना के समय कार्यभार ग्रहण करने के पहले हुए संशोधन में दिखाई दी थी…।ठीक ऐसे ही प्रतिनियुक्ति शब्द डीएमसी , बीआरसी के लिए और लेक्चर के प्रभारी बीईओ बनने दौरान सुनाई दिया था।
चर्चाओं में यह भी है कि नगरीय प्रशासन विभाग में हुए ट्रांसफर सूची में पूर्व सरकार के दौरान राजस्व अधिकारी को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी बना कर सूरजपुर भेजा गया। वर्तमान सरकार उन्हें वहां से हटा कर उनके पहले मूल पद और मूल स्थान पर भेज दिया। कर दिन बाद प्रभार में संशोधन करते हुए राजस्व अधिकारी को मनेंद्रगढ़ का प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी बना दिया गया । ऐसे कई संशोधन नगरीय प्रशासन विभाग की सूची में दिखाई दिए है।
लेकिन अब तक का सबसे बड़ा संशोधन आईएएस की पोस्टिंग में हुआ है। 28 अगस्त को जनक प्रसाद पाठक को बिलासपुर संभाग का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया था । फिर चार घंटे बाद राज्य शासन ने एक और आदेश जारी करते हुए उसमे आंशिक संशोधन करते हुए 2008 बैच के आईएएस महादेव कांवरे को बिलासपुर संभाग का नया कमिश्नर नियुक्त कर दिया। वही जनक प्रसाद पाठक को कमिश्नर की जगह आयुक्त उच्च शिक्षा बनाया गया है।
इस विभाग से जुड़े लोगो का कहना है कि चाहे वह नगरीय प्रशासन विभाग हो या स्कूल शिक्षक विभाग या कोई अन्य विभाग चार शब्द खेल के सब जगह होते है। इसमें किसी कार्य को सुचारू रूप से चलने के लिए नियोक्ता को मिले अधिकार की वजह से वह अपने अधिकार क्षेत्र में रह कर अपने कर्मचारी की सुविधा के लिए बहुत कुछ कर सकता है। अनुमोदन हुए आदेश के जारी होने के बाद संशोधन भी कर सकता है और जरूरत पड़ने पर कुछ बदलाव भी करता रहता है। ऐसा करने का दवाब माननीयों का अक्सर पड़ता रहता है। जो भी कुछ होता है ऊपर से मार्ग दर्शन लेकर होता है। ये सब सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने का एक हिस्सा है…। तो निशाने में शिक्षा विभाग हर बार क्यों आता है ..।अन्य विभाग को छूट क्यों जाते है…..!