CG NEWS :‘अतुल्य भारत’ – विभिन्नता में एकता का सन्देश दे गया एक वार्षिकोत्सव….. AVM के मंच पर ज्ञान एवं संस्कृति का अद्भुत सम्मिश्रण

Chief Editor
6 Min Read

CG NEWS :बिलासपुर । आधारशिला विद्या मंदिर में बहुत ही धूमधाम से वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम के थीम के रूप में ‘अतुलनीय भारत’ को दर्शाया गया | सभी अतिथि भारत के समृद्ध विरासत, संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा की इतनी सुन्दर प्रस्तुति देख कर हतप्रभ रह गये | कार्यक्रम की प्रस्तुति इतनी अच्छी थी कि लोगों की गंभीर विषयों में भी बहुत रूचि बनी रही | विद्यार्थियों ने जिस शुद्धता एवं उर्जा के साथ भारत के मूल्यों को स्टेज पर जीया वह सीधा दिल में उतर गया | इस कार्यक्रम को देखने के लिए पूरे शहर से लोग कोने पहुंचे व भीड़ को काफी सहयोगात्मक रूप से प्रबंधित किया गया | काफी लोग खड़े होकर ही कार्यक्रम देखते रहे |

Join Our WhatsApp Group Join Now

कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया | इसके साथ ही मां सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया | स्कूल के समूह द्वारा बहुत ही मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा प्रवीण कालविट एवं डा शुब्दा कालविट मौजूद रहे | गेस्ट ऑफ़ ओनर के रूप में  अटल श्रीवास्तव, अध्यक्ष, पर्यटन मंडल एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में  शैलेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय सचिव, इप्टा मौजूद रहे | कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि डा सिद्धार्थ वर्मा, डा एस. के वर्मा, प्रकृति वर्मा, सुभदा जोगलेकर एवं विवेक जोगलेकर मौजूद रहे | इस कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत सप्लिंग देकर किया गया | विद्यालय के अकादमिक निदेशक द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया |
पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी छात्र एवं छात्राओं ने भारत की सौन्दर्य दृष्टि को स्टेज पर भिन्न-भिन्न कला माध्यमों से प्रस्तुत करने की कोशिश की | साथ ही ‘विविधता में एकता’ का सन्देश देने की भी कोशिश की गयी | कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत स्वागत गायन एवं नृत्य से की गयी | स्कूल के विद्यार्थियों ने बहुत सृजनात्मक तरीके से सभी अतिथियों का स्वागत किया | उन्होंने शास्त्रीय संगीत एवं कत्थक की मुद्राओं से सभी का स्वागत किया | स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती जी. आर मधुलिका ने स्कूल का वार्षिक रिपोर्ट सभी अतिथियों एवं अभिभावकों से साझा किया | उन्होंने बताया कि स्कूल में उत्कृष्ट अकादमिक परिणाम के साथ बच्चों ने व्यक्तित्व विकास के लिए भी बहुत से अनुभव लिए | उन्होंने उदहारण स्वरुप विभिन्न एक्सपर्ट्स से बातचीत, योग एवं ध्यान कार्यशाला, स्पीक मेके, अनुभव कार्यशाला, स्पोर्ट्स, स्कूल फील्ड टूर, कलाम विदीन मी, करियर काउंसलिंग सत्र, आदि के संबंध में बताया |

अब बारी थी – किंडर वर्ग के नन्हे मुन्हे बच्चों की….. | उन्होंने छत्तीसगढ़ को केन्द्रीय थीम के रूप में प्रस्तुत किया | स्थानीय संस्कृति को जिस तरह संगीत व मुद्राओं में पिरोया गया – वह देखने लायक था | इसी प्रकार सभी राज्यों की प्रस्तुतियां हुयी | गीत, संगीत व नृत्य के माध्यम से सभी राज्यों के संबंध में बताया गया | इसके साथ ही एक विशेष ‘फैंसी ड्रेस प्रस्तुति’ में भारत के लिए अद्भुद योगदान करने वाले लोगों को प्रस्तुत किया गया | कार्यक्रम में कई प्रेरणादायी गीत व नाट्य भी प्रस्तुत किये गये |
मुख्य अतिथि डा प्रवीण कालविट ने कहा कि स्कूल के बच्चों की प्रतिभा देख कर मैं दंग रह गया | उन्होंने कहा कि बच्चों को देख कर अपने बचपन में चला गया था | उन्होंने कहा कि स्कूल के अकादमिक व सह-अकादमिक परिणाम प्रदर्शन देख कर काफी अच्छा लगा | भविष्य के सफल एवं जिम्मेदार नागरिक ऐसे ही स्कूलों से निकलेंगे |
शैलेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय सचिव, इप्टा ने कहा कि आज मैंने बच्चों से काफी कुछ सीखा है | उन्होंने कार्यक्रम के थीम – ‘अतुल्य भारत’ की सराहना की | उन्होंने कहा कि आज ज्ञान, कौशल के साथ अच्छी आत्म दृष्टि व विश्व दृष्टि की भी आवश्यकता है | गेस्ट ऑफ़ ओनर  अटल श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों की अभिव्यक्ति एवं प्रस्तुति में शिक्षकों की मेहनत दिख रही थी | आप सभी साधुवाद के पात्र हैं | इस कार्यक्रम में व्यवस्था में शहर की संस्थाओं एवं युवाओं का काफी सहयोग रहा | विद्यालय के चेयरमैन डा अजय श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में सहयोग के लिए अमल जैन, आयुष महादिक, रीफत शेख, मुकेश, हीना खान, स्वरिश और स्नेहल साहू का ह्रदय से धन्यवाद किया |
कार्यक्रम के अंत में स्कूल के हेड बॉय पियूष मोटवानी ने ‘वोट ऑफ़ थैंक्स’ प्रस्तुत किया | इतने उत्साहवर्धक और अपूर्व कार्यक्रम का अंत भी काफी प्रेरणादायी रहा | सभी अतिथियों, स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों, बच्चों एवं पालकों ने एक स्वर में राष्ट्र गान गाया | इस लय में सचमुच लगा कि शिक्षा किसी एक का प्रयास नहीं हो सकता | जब विविध भूमिकाओं के लोग आपस में मिलते हैं, तभी सच्ची शिक्षा संभव है |‘

close