सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी खुलेआम बज रहा डीजे,कुंभकर्णीय निद्रा में प्रशासन

Shri Mi
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रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी) ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर प्रशासन के द्वारा कभी भी सख्ती नहीं दिखाई गई सुप्रीम कोर्ट के आदेश संबंधित विभागों के फाइलों में दबकर रह गई हैं। वजह सरकार का इस ओर ध्यान नहीं हैं। इसके चलते किसी भी फंक्शन की खुशी में लोग इतने मगन हो जा रहे हैं की पूछिए मत। इन्हें न तो किसी की परेशानियों का ख्याल रहता है और न ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का डर। ये मनमानी करते हुए रात दस बजे के बाद तक खुलेआम ध्वनि विस्तारक यंत्रों की धुन पर थिरकते रहते हैं।

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आश्चर्य की बात तो यह कि कभी इसे लेकर सख्ती दिखाने वाले जिम्मेदार सब कुछ देखकर भी मौन साधे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया था कि किसी भी फंक्शन के लिए प्रशासन से अनुमति के बाद ही डीजे का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन अक्षरस:यह देखा जा रहा है कि किसी भी कार्यक्रम में बिना परमिशन के ही खुलेआम डीजे बजाया जा रहा है। अब तो जिम्मेदार भी पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पूरी तरह से भूल चुके हैं, यही कारण है कि डीजे बजाने वाले बिना अनुमति के आयोजित कार्यक्रम में आदेश एवं निर्देशों को ताक में रखकर खुलेआम ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग कर रहे हैं।इससे आने-जाने वाले लोगों,बच्चों और वृद्ध के साथ- साथ मरीजों को कोई प्रकार के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,किंतु जिम्मेदारों के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा है।

स्थानीय प्रशासन ने डीजे संचालकों पर नहीं दिखाई कभी सख्ती

स्थानीय प्रशासन के द्वारा कभी भी डीजे संचालकों पर व्यवस्था को सुधारने के लिए कभी कोई सख्ती नहीं दिखाई गई। नतीजा यह हो रहा है कि पिकप गाड़ियों में बॉडी से दो से चार 4 फीट बाहर निकाल कर डीजे बांधकर डंके की चोट पर बजाया जा रहा है। जिसके कारण राह से होकर गुजरने वालों को कोई परेशानियों का सामना करते हुए या तो अपने मार्ग को बदला पड़ रहा है या फिर पिकअप वैन को निकल जाने का खड़े होकर इंतजार करना पड़ रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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