16 निगम-मंडलों के अध्यक्षों को कैबिनेट व राज्य मंत्रियों का दर्जा देकर प्रदेश का ख़ज़ाना लुटाने जा रही सरकार

Shri Mi
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रायपुर। छतीसगढ़ विंधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में पाँच माह पहले शुरू की गई ओपन हार्ट सर्ज़री फ़ंड के अभाव में बंद कर दिए जाने को जनता के साथ नाइंसाफी बताया है। श्री कौशिक ने कहा कि सर्ज़री के लिए ज़रूरी उपकरणों की ख़रीदी तक के लिए प्रदेश सरकार फ़ंड नहीं दे पा रही है और वेंडर्स के लगभग एक करोड़ रुपए बकाए का भुगतान नहीं होने के कारण उन्की ओर से उपकरण देने बंद कर दिया गया है। श्री कौशिक ने कहा कि ये हालात प्रदेश की कांग्रेस सरकार की साख पर बट्टा तो लगा ही रहे है प्रदेश का नाम भी खराब कर रहे हैं।

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श्री कौशिक ने कहा कि एक तरफ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पतालों को अनुदान देने की बात करके प्रदेश की जनता को झुनझुना थमा कर और गॉसिप कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मूलभूत सुविधाएँ बंद हो रही हैं। सरकार ने प्रदेश का ख़ज़ाना इतना खाली कर दिया है कि अब सरकार के पास अपने सरकारी अस्पतालों को देने के लिए भी पैसे नहीं रह गए हैं। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार जनस्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी आपराधिक स्तर की लापरवाही का परिचय दे रही है, केंद्र सरकार और प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की जनकल्याणकारी स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाओं को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते बंद करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कोई ठोस स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधा का ढाँचा तक खड़ नहीं कर पाए हैं।श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार के इस ग़ैर-ज़िम्मेदाराना रवैए के कारण दर-दर भटक रही है और निजी अस्पतालों के लाखों रुपए के बिल भरने के मज़बूर हो रही है।

एक तरफ़ तो युनिवर्सल हेल्थ स्कीम का कहीं अता-पता तक नहीं है, वहीं दूसरी तरफ़ जो अस्पताल चल रहे हैं, उनमें भी ठीक तरह से इलाज नहीं हो रहा है। श्री कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ को वित्तीय रूप से कंगाल करके जनता को उपलब्ध सुविधाओं को ख़त्म करने पर आमादा प्रदेश सरकार को इस बात पर शर्म कब महसूस होगी कि वह अस्पतालों में शुरू की गई सेवाओं को सतत जारी रखने में बज़ट का रोना रो रही है और अपने राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए 16 निगम-मंडलों के अध्यक्षों को कैबिनेट व राज्य मंत्रियों का दर्जा देकर प्रदेश का ख़ज़ाना लुटाने जा रही है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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