पाठ्यपुस्तक निगम के छपाई भ्रष्टाचार मामले में महाप्रबंधक,अध्यक्ष व ACB को ज्ञापन,कड़ी कार्रवाई की मांग

Shri Mi
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पाठ्यपुस्तक निगम के कथित छपाई भ्रष्टाचार मामले पर मंगलवार को पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक और अध्यक्ष को शिकायत पत्र सौंपते हुए वीडियो के साक्ष्य प्रस्तुत किए। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने एसीबी में भी इस भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए वीडियो के साक्ष्य प्रस्तुत कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कहा कि ये मामला काफी संगीन है जिसकी जड़ें पूरे प्रदेश में फैली हुई हैं। यह मामला निविदा शर्तों के उल्लंघन के साथ-साथ भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देने वाला है। अचरज की बात है कि अब तक निगम ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। प्रतिनिधि मंडल में श्री गुप्ता के अलावा गौरीशंकर श्रीवास, विधि प्रकोष्ठ के नेता जेपी चंद्रवंशी और बृजेश पांडेय शामिल थे।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक के नाम सौंपे गए अपने ज्ञापन में कहा है कि महज़ 10 किलोवाट बिजली पॉवर के बावज़ूद प्रोग्रेसिव प्रिंटिंग प्रेस को कार्यादेश देना भ्रष्टाचार का संकेत करता है । क्योंकि निविदा के शर्तो में ही प्रिंटिंग मशीन चलाने के लिए 40-50 किलोवाट बिजली पॉवर की शर्त रखी गयी थी। इसके कारण उक्त प्रेस के बजाय मीनल प्रिंटिंग प्रेस में किताबों की छपाई का काम होने लगा। इस मामले में प्रेस की क्षमता का आकलन न करने वाले अधिकारी इस बात के दोषी हैं। मुद्रक का किसी भी तरह अपने कार्य का हस्तांतरण अन्य प्रेस को करना भी निविदा की शर्तों का उलंघन है।

प्रोग्रेसिव प्रेस के संचालकों द्वारा मीनल प्रेस में छपाई के काम से इंकार करना सफेद झूठ है, जबकि जाँच के दौरान हमने वहाँ पापुनि द्वारा प्रदत्त पेपर में रील नंबर और निगम का लोगो देखा था। इसी दौरान मीनल पब्लिकेशन में सरकार द्वारा ख़रीदे गए वाटरमार्क पेपर की रील बड़ी मात्रा में पाई गई थी। इस मामले की भाजपा नेताओं ने उच्चस्तरीय जाँच की मांग अपने ज्ञापन में की है। भाजपा ने इसी आशय का ज्ञापन राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस महानिरीक्षक तथा पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष को भी अलग-अलग सौंपा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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