CG NEWS:रतनपुर का ऐसा मंदिर जहां होता है मंगल दोष का निवारण… नवरात्रि में होगा विशेष अनुष्ठान, तैयारियां पूर्ण

Chief Editor
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CG NEWS:बिलासपुर । श्री मंगलागौरी धाम मन्दिर एवं शंकराचार्य आश्रम पोड़ी रतनपुर में चैत्र नवरात्रि महोत्सव की तैयारी पूरी हो गई है। सात विप्र जनों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे।श्री मंगला गौरी धाम मंदिर की विशेषता है  कि यह देश का तीसरा ऐसा मंदिर है, जहां पर मंगल दोष का निवारण होता है।

गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अनन्त श्री विभूषित स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाभाग के कर कमलों से इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई है।सन्तान और सुहाग की वरदान देने वाली माता मंगलागौरी ,मङ्गल ग्रह की अधिष्ठात्री देवी भी है। सावन के मास में कुँवारी कन्याएं और माताएं ,पति की प्राप्ति और अखण्ड सुहाग के लिए व्रत करती है। इसकी माहात्म्य कथा भी है जिसको श्रवण किया जाता है। मन्दिर के गर्भगृह में माता जी नन्दी के ऊपर विराजित है और माता जी के गोद में उनके पुत्र श्री गणेश जी विराजित है। जिसको माता जी ने एक हाथ से सँभाल रखा है और दूसरे हाथ अभय(वर)मुद्रा में है ।ऐसी दिव्य और अनुपम मूर्ति विश्व में कहीं नहीं है।

मंगलागौरी मन्दिर के महंत एवम शंकराचार्य आश्रम के आचार्य पंडित रमेश शर्मा ने बताया कि मंगलागौरी की अद्भुत महिमा है। पूरे भारत देश में मंगलागौरी के तीन मन्दिर है । पहला मन्दिर गया बिहार में है । यहां माता का स्तन गिरा था  ।इसलिए स्तनपाल और पालन हार पीठ कहा जाता है। इस मंदिर में व्यक्ति अपने जीते जी अपना श्राद्ध कर्म कर सकता है। कहा जाता है कि गया जी पितरों के श्राद्ध इसलिए पूर्ण हो जाते है क्योंकि इस जगत के पालन हार के रूप मे विराजित है। प्रखंड पर माता जी के स्तन के चिन्ह है। दूसरा मन्दिर वाराणसी काशी में है ।पंचगंगा घाट काशी के चोटी में श्री मंगला गौरी मंदिर विराजित है। इसी चोटी पर भगवान सूर्य ने भोलेनाथ की घोर तपस्या की थी ।और महादेव प्रगट हुए तथा मंगला गौरी के रूप में परिवर्तित हो गए । महादेव में सूर्य से कहा कि सावन मास के मंगलवार को जो भी कुंवारी कन्याएं और माताएं मंगलवार के दिन माता मंगला गौरी की पूजन अर्चन ,व्रत आदि करेंगी तो उन्हें अखंड सुहाग की प्राप्ति होगी तथा निसन्तान लोगों को संतान की प्राप्ति होगी । इस मंदिर में पंच देव है । यहां विराजित विष्णु सोने की है ।

पंडित रमेश शर्मा ने बताया कि रत का तीसरा मंदिर रतनपुर के निकट पोड़ी ग्राम में स्थापित है । इसकी स्थापना गोवर्धन मठ के 145 वे शंकराचार्य अनंत श्री विभूषित स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के कर कमलों से हुआ है । इन तीनों को मंगल दोष निवारण के लिए सर्वोत्तम मंदिर माना जाता है । जहां वर्षभर मंगली कन्या और युवकों का आना जाना लगा रहता है ।श्री मंगलागौरी मन्दिर धाम पोड़ी रतनपुर में नवरात्रि पर्व की तैयारी पूर्ण हो गई है। देश विदेश के 351 श्रद्धालुओं के मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे ।मन्दिर में नौ दिन भोजन प्रसादी की व्यवस्था रहती है। विप्र जनों के द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ, श्री मद देवी भागवत पुराण, दुर्गा सहस्त्र नाम, ललिता सहस्त्र नाम, कनक धारा ,श्री सूक्त ,रामायण, आदित्य ह्रदय स्त्रोत ,राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा,विष्णु सहस्त्र नाम सहित भोलेनाथ के पाठ होते है। मन्दिर में प्रदेश के मंत्री ,विधायक ,भारतीय सेवा अधिकारी सहित सभी के मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित होते हैं।।

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