सूरजपुर(मनीष जायसवाल) जब से कोरोना काल शुरू हुआ प्रदेश के कई गुरुजनों ने शासन के आदेश पर गैर शिक्षकिय कार्य करते हुए अपने प्राण गांव दिए है। शासन ने बदले में न तो कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया न ही बीमा के 50 लाख का लाभ दिया है। जिसे लेकर शिक्षको में अच्छा खासा रोष है । विरोध स्वरूप ही छत्तीसगढ़ प्रदेश सँयुक्त शिक्षक संघ के बैनर तले सूरजपुर जिले में कोविड 19 की ड्यूटी कर रहे शिक्षको ने स्वयं को फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स के दर्जे स 50 लाख के बीमा सहित जोखिम भत्ता प्रदान करने की मांग करते हुहुऐ अनोखा पोस्टर अभियान चलाया है जिसमे उन्होंने अपने कर्तव्यस्थल से अपनी तस्वीर भेजते हुवे एक स्लोगन लिख कर पूछा है कि-ना बीमा ना जोखिम भत्ता, कौन करेगा मेरी रक्षा…?
शिक्षको का कहना है कि गैर शिक्षकिय कार्यो के दौरान कई शिक्षक परिवार समेत कोविड 19 के संक्रमण में आये थे और ठीक भी हो गए लेकिन जो कोरोना कार्य के दौरान मृत हो गए उनका क्या ..? किसी को 50 लाख और शिक्षको को वही सामान्य प्रक्रिया का पालन करने को कहा जा रहा है। जिससे शिक्षको के मन मे सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। शिक्षको की इन समस्या पर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए सँयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन के मार्गदर्शन में सूरजपुर जिले के जिलाध्यक्ष सचिन त्रिपाठी के द्वारा प्रारंभ इस पोस्टर अभियान में प्रदेश के कोविड कार्य में रत शिक्षक बढ़ -चढ़ कर शामिल हो कर अपना सन्देश शासन प्रशासन तक पहुचा रहे है।