बेमेतरा(मनीष जायसवाल)कोरोनावायरस से संक्रमित होकर दिवंगत शिक्षकों की संख्या अब दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मृतक ऐसे कई शिक्षक है जो फ्रंटलाइन में रह कर कोरोना डियूटी कर रहे थे।और सैकड़ो शिक्षक अब भी कोरोना ड्यूटीरत है । सरकार के रवैये को देखते हुए शिक्षक वर्ग अच्छा खासा नाराज है शिक्षको असमय मौत पर शिक्षकों की ओर से पक्ष रखते हुए सीजीवाल से महिला शिक्षक नेता उमा जाटव का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोनावायरस के संकमण को रोकने के लिए उच्च अधिकारी और विभागीय अधिकारियों के तानाशाही पूर्ण नीति अपनाते हुए शिक्षकों की गैर शिक्षकिय कार्यो में डियूटी लगाई गई। बिना सुरक्षा संसाधनों के अकाल मौत के मुंह में थकेला दिया गया जिसका नतीजा यह निकला कि राज्य में शिक्षक संवर्ग अब तक सबसे अधिक प्रभावित हुआ है … ! आंकड़े बढ़ने क्रम अब भी जारी है।
नवीन शिक्षक संघ की महिला शिक्षक नेता उमा जाटव का कहना है कि प्रदेश में अब तक 400 से अधिक शिक्षको की मौत हो चुकी है। हम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, और शिक्षा मंत्री से। विनम्र निवेदन है कि उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में भी फ्रंटलाइन कोरियर्स के रूप में संकमण के रोकथाम में संलग्न ( टीकाकरण, कांटेक्ट टैसिंग, घर घर सर्वे, मृतकों को श्मशान घाट पहुंचाने में सहयोग, आदि)बतौर अपने जान की और परिवार की परवाह किए बिना कर्तव्य निर्वहन कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए तत्काल 50 लाख बीमा कवर राशि की घोषणा, गेज्यूटी का लाभ , बकायदा समस्त स्वत्वों का तत्काल भुगतान , और दिवंगत शिक्षकों के आश्रित को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए।उमा का कहना है ये सेवा रत मृतक शिक्षको को फ्रंटलाइन कोरियर्स की श्रेणी में जिस दिन सरकार स्वीकार करेगी उसी दिन दिवंगत शिक्षको को सच्ची श्रद्धांजलि सरकार की ओर से मिलेगी।