CG NEWS:स्कूलों का विषयवार सेटअप बिगड़ा….. सहायक शिक्षकों के मिडिल स्कूल में प्रमोशन से कैसे दुरुस्त हो सकता है सिस्टम.. ?

CG NEWS:रायपुर (मनीष जायसवाल) । सरगुजा और बस्तर संभाग में पूर्व की कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की थी। जिसमें मिडिल स्कूलों के लिए शिक्षक भर्ती पदोन्नति के लिए 11 जुलाई 2023 को राजपत्र में संशोधन करके विषय बाध्यता हटा दी गई । जिसकी वजह से स्कूल का विषय वार सेटअप बिगड़ गया है। जिसकी वजह से मिडिल स्कूल में अव्यवस्था फैल गई और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के होते हुए भी समानता नहीं रही । कही अंग्रेजी का शिक्षक गणित पढ़ा रहा है और गणित का शिक्षक हिंदी पढ़ा रहा है। तो कॉमर्स स्नातक किया हुआ शिक्षक विज्ञान पढ़ा रहा है। इस अव्यवस्था को प्रदेश के विद्यार्थियों के मौलिक अधिकार मानते हुए शिक्षक नेता ऋषि राजपूत बीते कई दिनों से प्रदेश मे लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति जो विषय विशेषज्ञता पर आधारित है उसे पूरी तरह लागू करने की मांग को लेकर मुहिम चला रहे है..।
ऋषि राजपूत का कहना है कि दसवीं पास कोई भी छात्र किताब देखकर प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को कोचिंग में पढ़ा सकता है। लेकिन किताब बंद करके वह छात्र समझ नहीं सकता है छात्र पूरी तरह विषय का अनुभव अपने विषय का ज्ञान बांट नहीं सकता है। क्योंकि उसके पास अनुभव और वैसी योग्यता नहीं है यह बात राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के सिस्टम को अब तक नहीं समझ आई है।
शिक्षक नेता ऋषि बताते हैं कि कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई के दौरान कई चैप्टर ऐसे होते हैं जिसे विषय विशेषज्ञ शिक्षक ही अच्छी तरह पढ़ा और समझ सकता है। मिडिल स्कूलों में विषय बाध्यता हटने की वजह से शिक्षक पढ़ तो अच्छा रहा है लेकिन उस शिक्षक के पास विषय विशेषज्ञता नहीं होने की वजह से उसकी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों वह विधि समझ नहीं आ रही जिस विधि से शिक्षक को पढ़ना चाहिए। ऐसे में छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है।
जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 मे मिडिल स्कूल मे विषय वार शिक्षक का कानून है जो बच्चों का मौलिक अधिकार है ,वहीं छत्तीसगढ मे पूर्ण रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया है। इस नीति में भी विषय विशेषज्ञता का प्रावधान है ऐसे मे विषय बंधन हटने से मिडिल स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता पूरी तरह प्रभावित हो रही है। जिसका खामियाजा हाई स्कूल पहुंच रहे छात्र और शिक्षकों को हो रहा है।
ऋषि राजपूत का कहना है कि सरकार को हमने कई बार कई माध्यमों से विषय बाध्यता फिर से लागू किए जाने को लेकर ज्ञापन दिया है। पर इस मामले का निराकरण अब तक नहीं हुआ है। इस समस्या का तात्कालिक हल सहायक शिक्षकों की मिडिल स्कूलों पर पदोन्नति से दूर किया जा सकता है ।प्रदेश में ऐसे कई विषय विशेषज्ञ सहायक शिक्षक मौजूद है जो पूर्व की सरकार के दौरान आई खामी को दूर कर सकते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि पदोन्नति को प्राथमिकता देते हुए मिडिल मिडिल स्कूलों के लिए विषय बाध्यता फिर से लागू की जाए।