कोरबा( गिरिज़ेय ) । केन्द्र सरकार के गृह मंत्री Amit Shah ने कोरबा के एक स्टेडियम में रैली कर 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीज़ेपी के अभियान का आगाज़ कर दिया । लेकिन इस मौक़े पर मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के चेहरे की तलाश कर रहे लोगों को निराशा हाथ लगी । चूंकि अमित शाह ने मंच से किसी का नाम नहीं लिया ।
अलबत्ता यह इशारा ज़रूर कर दिया कि पिछले 15 साल से जो चेहरे छत्तीसगढ़ बीजेपी की सियासत में छाए रहे , उनकी जगह कोई नया भी चेहरा हो सकता है। यह कहकर अमित शाह एक सवाल छोड़ गए हैं कि – “अटलजी के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाने के लिए इस बार छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनाना है।”
यह पहले से ही तय था कि गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरूआत करने के लिए कोरब़ा आ रहे हैं। उनका यह दौरा बीजेपी के एक मिशन के तहत था । जिसमें 2024 का लोक सभा चुनाव निशाने पर सबसे ऊपर था । सियासी हल्कों में पहले से ही इस बात की चर्चा रही है कि बीज़ेपी ने देश भर में लोकसभा की ऐसी 144 सीटें छाँटी हैं, जिन पर उसे 2019 में पचास हज़ार से कम वोट से हार का समना करना पड़ा था ।
छत्तीसगढ़ की कोरब़ा और बस्तर सीट इसमें शामिल हैं। इन सीटों पर ख़ास फ़ोकस करने के लिए पार्टी ने पहले केन्द्रीय मंत्रियों को प्रवास के कार्यक्रम दिए थे और कोर कमेटी बनाई थी । इस सिलसिले में अमित शाह ख़ुद भी इन इलाकों का दौरा कर रहे हैं। शनिवार को उन्होने झारखँड की ऐसे ही लोकसभा क्षेत्र सिंहभूम के चाईबासा का दौरा किया और वहीं से कोरबा आए।
इस नज़रिए से अमित शाह का कोरबा दौरा लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से अहम् माना जा रहा था । लेकिन चूँकि इस साल 2023 में ही छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव भी होने जा रहे हैं, लिहाजा लोगों की ऩज़र इस बात पर भी थी कि छत्तीसगढ़ की सियासत के लिए कोरबा के मंच से क्या निकलकर आएगा। अमित शाह ने इस नज़रिए से भी अपनी बात रखी ।
उन्होने कई बार इशारों में और कई बार सीधे तौर पर अपने भाषण में छत्तीसगढ़ की मौज़ूदा सरकार पर निशाना साधा । उन्होने प्रदेश में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए।नक्सलवाद का ज़िक्र करते हुए भरोसा दिलाया कि 2024 तक देश को नक्लवाद से मुक्त कर लिया जाएगा। साथ ही लोगों से कहा कि विकास के लिए केन्द्र और प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार ज़रूरी है। और उन्होने डब़ल इंज़न की सरकार बनाने का आह्वान किया । इससे यह तो साफ़ हो गया कि बीजेपी 2023 के चुनाव में किन मुद्दों को लेकर मतदाताओं के बीच जाने वाली है।
लेकिन अमित शाह की इस रैली के दौरान इस बात की ओर भी लोगों की नज़रें लगी हुईं तीं कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता क्या छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सीएम चेहरे की ओर कोई इशारा करेंगे…। रैली की ओर से इस नज़रिए से देख़ रहे लोगोँ को निराशा ही हाथ लगी। चूँकि अमित शाह ने अपने लम्ब़े भाषण में सीएम चेहरे के रूप में किसी का नाम नहीं लिया ।
हालांकि छत्तीसगढ़ मं 15 साल तक चली बीजेपी सरकार का ज़िक्र करते हुए उन्होने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नाम कई बार लिया । एक बार उनके नाम के साथ चाउँर वाले ब़ाब़ा का भी ज़िक्र किया । लेकिन सीधे तौर पर छत्तीसगढ़ के किसी नेता का नाम नहीं लिया, जिससे सीएम चेहरे के रूप में उनकी पसंद का अँदाज़ा लगाया जा सक़े।इसे अमित शाह के भाषण के आख़िरी हिस्से में कही गई बातों से समझा जा सकता है। जिसमें उन्होने कहा कि – “यहां से लौटकर मोदी जी को बताउँगा कि कोरब़ा में भारी संख्या में लोग जुटे थे ।
जो आने वाले चुनाव में कमल का बटान दबाएंगे और नरेन्द्र मोदी को फ़िर से प्रधानमंत्री बनाएगे। साथ ही छत्तीसगढ़ को अटलजी के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाएँगे…।” राजनीति के ज़ानकारों ने गौर किया है कि अगर वे चाहते तो छत्तीसगढ़ के किसी नेता का नाम ले सकते थे । लेकिन अटलजी के नाम का सहारा लेकर उन्होने अपनी बात ख़त्म कर दी ….।
और एक सवाल भी छोड़ गए। हालांकि उन्होने यह इशारा तो ज़रूर कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की राजनीति में पिछले 15 साल तक छाए रहे नेताओँ में से कोई चेहरा सीएम के चेहरे के रूप में फ़िलहाल पार्टी की नज़र में नहीं है और इस साल 2023 में चुनाव के पहले या बाद में कोई नया चेहरा सामने आ सकता है….।