सरगुजा(मनीष जायसवाल)कोविड नियंत्रण की लड़ाई में प्रदेश का शिक्षक संवर्ग सरकार व समाज के साथ हर मोर्चे पर खड़ा हुआ मिला लेकिन शिक्षकों के साथ गैर शिक्षकिय कार्यो पर राज्य शासन प्रशासन ने सौतेला व्यवहार किया है। काम तो पूरा लिया है लेकिन लाभ नही दिया है। जिला प्रमुख से लेकर तहसील स्तर के अधिकारियों के कोरोना कार्य के आदेशो की ताकत के चलते अनेक शिक्षक कोविड 19 के प्रोटोकॉल की सुरक्षा सुविधा के अभाव मौत में मुह में समा गए…! बदले में शिक्षा विभाग ने पल्ला झाड़ते हुए सामान्य सेवा शर्तों व नियमो का हवाला देते हुए मृतक शिक्षको के परिजनों को कोरोना वारियर्स की जगह …..सामान्य श्रेणी में खड़ा कर दिया है।
एक प्रेस नोट में माध्यम से जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के शिक्षक नेता शिव मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सहायक शिक्षकों की ड्यूटी विभिन्न कार्यों में लगाई का रही है जिससे शिक्षक संक्रमित हो रहे हैं जिसके कारण आज तक हम अपने कई शिक्षकों को खो चुके है। जो शिक्षक संक्रमित होते हैं उन्हें शासन प्रशासन उन्हें उनके हाल पर छोड़ देती है..! और वे अपनी जिंदगी बचाने के लिए बेहतर चिकित्सा हेतु निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराने को मजबुर हैं…! जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा ने बताते है कि वर्तमान समय संकट का समय है जिसमें हम सबको मिलकर लड़ना है इस संकट काल में हमारे शिक्षक साथी सरकार व समाज के साथ है, लेकिन सरकार कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर हम शिक्षकों के सुरक्षा के प्रति उदासीन है ..! शिक्षको से हर वो कार्य लिया जा रहा है जो उनके व्यवहार के विपरीत है। कई जिलों में शिक्षकों को कोविड संक्रमित का शव पहुंचाने का भी आदेश दिया गया है। जो बिल्कुल अनुचित है। वर्तमान में शासन प्रशासन जो आदेश दे रहा है उसका प्रदेश के शिक्षक उसका समर्पित भाव से निर्वहन कर रहे हैं ।
शासन प्रशासन ने भी शिक्षकों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अन्य विभाग के कर्मचारियों की तरह उन्हें बेहतर निःशुल्क चिकित्सा सुविधा व बीमा कवर सुविधा की सुविधाएं देनी चाहिए। पर ऐसा हो नही रहा है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन अपने सहायक शिक्षकों के साथ खड़ा हुआ है। गैर शिक्षकिय कार्यो में शिक्षको के हित के लिए सडक से लेकर न्यायायल तक कि लड़ाई में साथ है। हमने शासन से बड़ी विनम्रता से माँग की है कि शिक्षकों को भी कोरोना वारियर्स का दर्जा द और उसके लाभ दिए जाने चाहिए। हमारी इन समस्याओं का हल नही निकला तो सरकार अपनी किरकिरी के लिए तैयार रहे। प्रदेश के सहायक शिक्षको का हक आज नही तो कल हम लेकर ही रहेंगे।