

छत्तीसगढ़ भाजपा में इन दिनों सियासी उथल-पुथल मचा हुआ है। मंगलवार को ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर सांसद अरुण साव को प्रदेश की जिम्मेदारी दी है। इसके बाद ही प्रदेश में नेताप्रतिपक्ष बदले जाने की बात हवा की तरह फैलने लगी। इस बीच प्रदेश के नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक दिल्ली पहुंचे है। जहां उन्होंने बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है।
दरअसल इससे पहले जब प्रदेश अध्यक्ष को भी बदला गया था, तो विष्णुदेव साय को दिल्ली बुलाया गया था। दिल्ली रवानगी के बाद से ही अटकलें लगने लगी थी कि सांगठनिक स्तर पर बीजेपी में बदलाव हो सकता है। हुआ भी वैसा ही, दिल्ली में मुलाकात के 48 घंटे के भीतर प्रदेश अध्यक्ष को बदलने का फैसला पार्टी स्तर पर लिया गया।
पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को जातिगत समीकरण के साथ-साथ आक्रमकता के आधार पर भी तलाशने की कोशिश हुई है। अरूण साव का ओबीसी के साथ-साथ संघ के करीबी होना ही उनकी पसंद का पैमाना बना। अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी ऐसा ही समीकरण सामने आ सकता है। बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष को लेकर बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल, सौरभ सिंह के साथ-साथ कृष्णमूर्ति बांधी को लेकर भी अटकलें लग रही है।