रायपुर।प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की वार्षिक आमसभा इंद्रावती भवन में हुई। बैठक में राजपत्रित अधिकारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से संवाद व पत्राचार करने का निर्णय लिया गया।संघ फरवरी में विशेष सदस्यता अभियान चलाकर निचले स्तर तक के अधिकारियों को संगठन से जोड़ने का निर्णय लिया गया।पदाधिकारियों ने प्रांत एवम् जिला स्तर पर परामर्शदात्री की बैठक नहीं होने पर चिंता व्यक्त की।
साथ ही प्रदेशभर में जिला अध्यक्षों को ओर से सीएम एवम् सीएस के नाम से 17 जनवरी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।आमसभा में सभी विभाग के राजपत्रित अधिकारियों का भर्ती नियम में एकरूपता लाने पर जोर दिया गया। अधिकारियों का कहना था कि जब हम सब पीएससी से चयनित होकर आते हैं तो भर्ती नियम में असमानता नहीं होना चाहिए।
आमसभा में विभिन्न विभागों के संचालक/ आयुक्त के पद पर विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभार देने हेतु प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।साथ ही राज्य बनने के बाद कुछ कैडर में पदों की वृद्धि हुई है, लेकिन अधिकांश विभाग के सेटअप यथावत है,जिसके कारण अधिकारियों के ऊपर कार्य का दबाव बढ़ते जा रहा है।इस दबाव के कारण अधिकांश अधिकारी तरह तरह के बीमारी से जूझ रहे है।सभा में डीए, एचआरए और चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान के लिए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के साथ संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।
आमसभा में राजपत्रित अधिकारी संघ का प्रांतीय अधिवेशन करने का निर्णय भी लिया गया। सम्मेलन में “छत्तीसगढ़ के विकास में भागीदारी – राजपत्रित अधिकारी” विषय पर परिचर्चा ।साथ ही देश के प्रख्यात शिक्षाविद को कुशल प्रशासन जैसे विषय पर टिप्स देने आमंत्रित किया जायेगा। संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा के साथ आमसभा में मुख्य रूप से भूपेंद्र पाण्डेय, दिलदार सिंह मरावी, नारायण बुलीवाल, आलोक देव, पूषण साहू, युगल किशोर वर्मा, अविनाश तिवारी, एस.के. सुंदरानी, पी.एल. सहारा, डॉ व्ही.के. पैगवार, डॉ अनिल कुमार पटेल, आर.डी.मेहरा, डॉ डी. आर. प्रधान, डॉ दीपक चंद्राकर, डॉ आई.पी. यादव, डॉ एम.एस. कुरैशी, डॉ नरेश खुंटे, मनोज कुमार, मनीष खोब्रागड़े सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।