JJM में सबसे नीचे पायदान के जिलों के अभियंताओं को चार्जशीट

अनाधिकृत कालोनियों, Digital Signature, SBI New service, Rajasthan, ed,Gmail Blue Tick, Atiq Ashraf Murder, ICAI, CG Hospital, Rajasthan, Atiq Ahmed Murder, MP News, CG NEWS, news,
Join WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
जयपुर। प्रदेश के विभिन्न पीएचईडी रीजन में अवैध कनेक्शन एवं बूस्टर्स के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को नोटिस दिए जाएंगे। जल जीवन मिशन में सबसे नीचे के पायदान पर रहे जिलों के अभियंताओं को भी चार्जशीट दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरूवार को हुई विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों की प्रगति 30 प्रतिशत से कम हैं वहां के प्रभारी अभियंता (एसई) को चार्जशीट दी जाए। जल कनेक्शन में अव्वल रहने वाले जिलों को भी उन्होंने कनेक्शनों की संख्या बढ़ाते हुए तय लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए।
डॉ. अग्रवाल ने गर्मी के मौसम को देखते हुए अवैध कनेक्शन हटाने एवं बूस्टर्स जब्त करने के निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए कार्य करने के निर्देश अभियंताओं को दिए। बैठक में बताया गया कि एक अप्रेल 2022 से 2 मार्च 2023 तक कुल 14 हजार 252 अवैध जल संबंध हटाए गए हैं। सर्वाधिक 2215 अवैध कनेक्शन अजमेर में हटाए गए। इसके बाद नागौर में 2136 एवं जयपुर में 1955 कनेक्शन हटाए गए हैं। विभाग द्वारा इस अवधि में 709 बूस्टर जब्त किए गए।
एसीएस पीएचईडी ने हनुमानगढ़, धौलपुर, करौली, सीकर, झुंझुनूं, एवं बांसवाड़ा जिलों में अवैध बूस्टर्स जब्त करने की कार्रवाई में जीरो प्रोगेस दिखाने पर हैरानी जताई। स्वच्छ जलाशयों की सफाई में पिछड़ रहे जिलों- धौलपुर, अलवर, श्रीगंगानगर, राजसमंद एवं हनुमानगढ़ को भी उन्होंने कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 2659 किलोमीटर लम्बी पुरानी एवं जीर्ण-शीर्ण पाइप लाइन चिन्हित की गई है। इसमें जयपुर में 642, कोटा में 262, भरतपुर में 209 किलोमीटर पाइप लाइन शामिल है। 1338 किलोमीटर पाइप लाइन बदलने के प्रस्ताव स्वीकृत हो गए हैं जबकि 1169 किलोमीटर पाइप लाइन के प्रस्ताव भेज दिए गए हैं।
समीक्षा बैठक में वृहद एवं लघु पेयजल परियोजनाओं की लक्ष्य के मुकाबले प्रगति की जानकारी ली गई। बैठक में बताया गया कि जेजेएम में मार्च माह में अभी तक 52 हजार से अधिक कनेक्शन हो चुके हैं। इससे पहले फरवरी माह में 2 लाख जल कनेक्शन किए गए। 28 फरवरी को प्रदेश में एक दिन के अब तक के सर्वाधिक 14 हजार 21 जल कनेक्शन हुए। जेजेएम में इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 10 लाख 91 हजार 687 कनेक्शन हुए हैं। मार्च माह में प्रतिदिन औसत 10 हजार से अधिक जल कनेक्शन का टारगेट तय किया गया है।
तय लक्ष्य के मुकाबले उपलब्धि देखें तो इस वित्तीय वर्ष में सबसे कम जल कनेक्शन करने वाले जिलों में जैसलमेर पहले, जोधपुर दूसरे, नागौर तीसरे, जालौर चौथे एवं झुंझुनूं पांचवे स्थान पर है। टॉप रहने वाले जिलों में झालावाड़ ने सर्वाधिक 60 प्रतिशत जल कनेक्शन किए हैं, चित्तौड़गढ़ 58 प्रतिशत के साथ दूसरे एवं भीलवाड़ा 56 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में 84 प्रतिशत ग्राम पंचायत भवनों, 72 प्रतिशत विद्यालयों, 67 प्रतिशत स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 61 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों को हर घर जल कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है। जल गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रदेश के 43 हजार गांवों में 5 हजार 513 कैमिकल जांच जबकि 4 हजार 17 गांवों में जीवाणु जांच की गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान प्रभावित जिलों में सुचारू पेयजल आपूर्ति एवं जल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी रखने के निर्देश दिए। अभियंताओं ने बताया कि राजीव गांधी लिफ्ट नहर से जुड़ी 9 डिग्गियों में 15 दिन तक के पानी का भंडारण कर लिया गया है। शेष 6 डिग्गियां भी 26 मार्च तक भर ली जाएंगी। उन्होंने समर कंटींजेंसी के तहत आवश्यकतानुसार जिलों से समय पर प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। साथ ही, विधानसभा से संबंधित समस्त लंबित प्रकरणों, अंतर्विभागीय प्रकरणों, वीआईपी पत्रों, राजस्थान संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों, अधिकारियों के दौरे, हैण्डपंप-ट्यूबवैल स्थापना, विभागीय जांच के लंबित प्रकरणों आदि की भी समीक्षा की।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अभियंता सूचनाएं छिपाएं नहीं बल्कि बैठक के दौरान सूचनाएं सही तरीके से रखी जाएं ताकि विभिन्न मुद्दों को हल करते हुए परियोजनाएं समय पर धरातल पर लाई जा सकें। उन्होंने वर्ष 2023-24 के बजट में मुख्यमंत्री द्वारा की गई पेयजल परियोजनाओं से संबंधित घोषणाओं के संबंध में प्रस्ताव समय पर भिजवाने के निर्देश दिए।
बैठक में एमडी जल जीवन मिशन श्री अविचल चतुर्वेदी, उप सचिव श्री गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) श्री आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (प्रशासन) श्री राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) श्री अमिताभ शर्मा, सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता शामिल हुए।
भीषण सड़क हादसा: एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
READ