बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के राजस्व और बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें जयसिंह अग्रवाल और कोरबा के एक डिप्टी रेंजर एल डी पात्रे के बीच बातचीत सुनाई देती है। ऑडियो में गाली गलौज की भी आवाज है और डिप्टी रेंजर को मारने की भी बात कही गई है। इस ऑडियो के साथ डिस्प्ले में यह सवाल भी उठाया गया है कि यह सब कब तक चलेगा……? इस तरह का डिस्प्ले वायरल होने से इस बात की भी झलक मिल रही है कि परंपरागत मीडिया अगर इस तरह की खबरों को ड्रॉप भी कर दे तो सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है।
यह खबर पहले ही आ चुकी है कि कुछ दिन पहले कोरबा बालको रेंज में तैनात वरिष्ठ डिप्टी रेंजर एल डी पात्रे को फोन पर स्थानीय मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने डांट लगाई थी। उन्होंने गाली गलौज के साथ डिप्टी रेंजर की डंडे से पिटाई करने की भी बात कही थी। वार्तालाप के बाद डिप्टी रेंजर का सरगुजा जिले में तबादला कर दिया गया। ऐसी खबरें भी आई थी। हालांकि कोरबा इलाके में जयसिंह अग्रवाल के कामकाज को जानने समझने वालों का यह भी कहना है कि यह उनके कामकाज का एक तरीका है। जिसमें किसी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत मिलने पर कई बार वे खुद फोन लगाकर कर्मचारी से बात करते हैं । जिससे शिकायत का समादान किया जा सके । घटना के दिन भी उन्होंने इसी तरह की किसी शिकायत पर डिप्टी रेंजर को फोन मिलाया था और उसे अपने ढंग से शिकायत दूर करने की बात कही थी । इसके बाद डिप्टी रेंजर ने पलट कर मंत्री को फोन लगाया और यह बताने की कोशिश की कि उन्हे यह नहीं मालूम था कि मंत्री से बात हो रही है। इस बार फ़िर उन्हे गाली सुनने को मिली और डांटते हुए मंत्री की आवाज रिकॉर्ड कर ली गई। जो अब डिसप्ले के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस डिस्प्ले में चंद लाइनों में मंत्री जयसिंह अग्रवाल के गाली गलौज और दूसरे जिले में ट्रांसफर करवाने की बात भी लिखी गई है। साथ ही यह सवाल भी उठाया गया है कि छत्तीसगढ़िया समाज के अधिकारी /कर्मचारी कब तक इस तरह का व्यवहार झेलते रहेंगे। मंत्री की आवाज के साथ यह डिस्प्ले वायरल होने के बाद यह बात भी स्थापित हो रही है कि सरकार में बैठे लोगों के अपने ढंग और रवैया की वजह से जो खबरें निकल कर आती हैं, उन्हें परंपरागत मीडिया में जगह मिले या ना मिले। लेकिन सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह बात पहुंचाई जा सकती है। हालांकि आज के दौर में जिस तरह ऐसी घटनाओं को जिस तरह दरकिनार कर दिया जाता है उससे यह कहना तो मुश्किल है की इस तरह का वीडियो वायरल होने से प्रदेश सरकार के मंत्री जयसिंह अग्रवाल को किसी तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी घटनाएं कुछ दिन चर्चा में रहकर फिर पर्दे के पीछे चली जाती हैं। जाहिर सी बात है कि इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हो। लेकिन सोशल मीडिया में चल रही यह मुहिम जमीनी स्तर पर लोगो के दिमाग में सरकार में बैठे लोगों की छवि को लेकर सवालिया निशान जरूर खड़े कर सकती है।
गौर क़रने वाली बात यह भी है कि इस समय अविभाजित बिलासपुर संभाग में जय सिंह अग्रवाल सबसे ताक़तवर और प्रभावशाली मंत्री बन गए हैं। डॉ.चरणदास महंत के सबसे नज़दीकी माने जाने वाले जय सिंह अग्रवाल कोरबा से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। हाल ही में प्रभारी मंत्रियों की अदलाबदली के बाद उन्हे जिस तरह बिलासपुर और जाँजगीर जिले का प्रभार दिया गया है, उससे उनका वज़न यक़ीनन बढ़ा है। एक तरह से अविभाजित बिलासपुर जिले के बड़े क्षत्रप के रूप में उनकी पहचान बनी है और उनक़ी गिनती 90 के दशक में अविभाजित मध्यप्रदेश में कद्दावर समझे जाने वाले बड़े नेताओं में होने लगी है। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला बनने के बाद उन्हे पहला प्रभारी मंत्री बनाया गया था । अब बिलासपुर और ज़ांजगीर – चांपा जिले का प्रभारी भी बनाया गया है। कोरबा जिले में तो वे सर्वेसर्वा हैं ही…। इस तरह मुंगेली को छोड़कर 1996-97 के पहले वाले बड़े बिलासपुर जिले की कमान उनके हाथों में आ गई है। अपनी इस नई ज़िम्मेदारी के साथ ऊँची उड़ान भरकर उन्होने बिलासपुर संभाग के दूसरे दिग्गज़ मंत्रियों और नेताओं को भी पीछे छोड़ दिया है । ऐसे में यदि उनकी ही आवाज़ सोशल मीडिया पर उनका पीछा करती रही तो उनके पीछे वालों को मौक़ा ज़रूर मिल सकता है….।