फर्जी अंकसूची से नौकरी का झांसा दे ठगी, 7 गिरफ्तार

Shri Mi
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रायगढ़।  रायगढ़ जिले में नौकरी लगाने के नाम पर मोटी रकम तथा फर्जी प्रमाण पत्र का सहारा लेकर नौकरी लेने तथा उनके प्रमाणपत्र बनाने वालों का एक बड़ा गिरोह रायगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आया है, जिसमें सरगना सहित अन्य 6 आरोपी शामिल है। उनमें एक लडक़ी भी है।पकड़े गए आरोपियों से दो कार, कलर प्रिंटर, कम्प्यूटर के साथ-साथ कई फर्जी मार्कशीट एवं फर्जी सील एवं दो मोबाईल के अलावा अन्य कई दस्तावेज बरामद किये है और इनमें एक आरोपी की तलाश पुलिस कर रही है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लंबे समय से यह गिरोह फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर लोगों से लाखों रूपये की ठगी करता था। साथ ही साथ बिलासपुर तथा जांजगीर चांपा जिले से इसका संचालन करते हुए कई युवाओं को चुना लगा चुका है। यह गिरोह पीएससी परीक्षा में भी धांधली करने की योजना भी बना रहा था।

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थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं नगर पुलिस अधीक्षक को मामले से अवगत कराये। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अभिषेक मीना तथा एडिशनल एसपी लखन पटले द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली मामले की तह तक जांच के निर्देश दिए।नगर पुलिस अधीक्षक दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर मामले की जांच करते हुए निरीक्षक मनीष नागर, उप निरीक्षक बी.एस. डहरिया, आर.एस.तिवारी तथा सहायक उप निरीक्षक उदयभान सिंह अभ्यार्थीयों से बारीकीह से पूछताछ किया गया जिसमें अभ्यर्थियों को नौकरी लगाने का प्रलोभन देने रूपयों की वसूली करने वाले से लेकर अभ्यर्थियों को फर्जी अंकसूची दिलाने वाले गिरोह की जानकारी मिली।

नगर निरीक्षक मनीष नागर तत्काल जानकारी एसपी एवं एएसपी को अवगत कराये। पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर टीआई मनीष नागर एवं विवेचकों की अलग-अलग टीमें बनाकर कल रात ही टीमें रायपुर, बिलासपुर, सक्ती, जांजगीर-चांपा रवाना किया गया। आज सुबह गिरोह के मुख्य सरगना हीरालाल गबेल समेत 7 आरोपियों को पुलिस अलग-अलग स्थानों से हिरासत में लिया गया जिनसे ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में फर्जीवाड़ा के संबंध में पूछताछ करने में पर आरोपीगण फर्जीवाड़े में अपनी अपनी भूमिका बताएं।

आरोपिया स्वाति कंवर निवासी खमरिया बिलासपुर बताई की डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में भर्ती के लिए उसके पिता वीरेंद्र सिंह तथा जीजा लखेश्वर सिंह दलाल संजय शर्मा निवासी सीपत बिलासपुर के माध्यम से हीरालाल गबेल के संपर्क में आए। दलाल संजय शर्मा किसी भी भर्ती में सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती कराने का प्रलोभन दिया। हीरालाल गवेल जो कि पूर्व में आपेन स्कूल का अध्यक्ष था, अपने पास रखे सील, मुहर का गलत इस्तेमाल करता था। आरोपी हीरालाल गबेल वर्ष 2005 में जाली नोट मामले जेल की हवा खा चुका है। गिरोह में शामिल मालखरोदा जांजगीर चांपा का योगेंद्र धीरहे का कंप्यूटर सेंटर है, जहां फर्जी मार्कशीट तैयार किया जाता था।

हीरालाल गबेल, योगेंद्र धीरहे तथा संजय शर्मा मिलकर अभ्यर्थियों से संपर्क करते थे और उन्हें किसी भी तरीके से नौकरी लगाने का प्रलोभन देकर रुपए ऐंठा करते थे। कुमारी स्वाति कंवर के अलावा कृष्ण कुमार साहू निवासी सरसींवा जिला बलौदाबाजार भी इनके जालसाजी को जानते हुए भर्ती के लिए इन्हें रकम दिया था। कुमारी स्वाति कंवर, उसका जीजा लखेश्वर सिंह कंवर तथा कृष्ण कुमार साहू नौकरी हासिल कर चुके थे। हिरासत में लिये गये आरोपियों से बारीकी से पूछताछ में आरोपी बताएं कि डाक विभाग के बाद ये सीजीपीएससी, व्यापम जैसी भर्तियों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के संपर्क में थे। मोटी रकम के एवज में उन्हें अच्छा मार्कशीट (फर्जी) उपलब्ध कराकर कई विभागों में नौकरी लगाने का प्रलोभन दिये थे। गिरोह का एक आरोपी भोजराम सिदार फरार है, जिसके गिरफ्तारी के बाद मामले में कुछ और आरोपियों के नामों का खुलासा हो सकता है।

आरोपी हीरालाल गबेल से एक स्वीफ्ट कार, स्कूल की सील, मुहर, आरोपी संजय शर्मा से एक ब्रेजा कार, आरोपी योगेन्द्र धीरहे के कंप्यूटर दुकान से फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने में प्रयुक्त एक लैपटॉप, एक कंप्यूटर, कलर प्रिंटर, सीपीयू एवं स्कैनर फोटोकॉपी मशीन एवं आरोपियों के कब्जे से नकद 15,000 रूपये, 3 मोबाइल, रजिस्टर जप्त किया गया है। आरोपियों को थाना कोतवाली के धारा 420,467,468,471,34 में गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा जा रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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