Chhattisgarhः मनरेगा किश्त में केन्द्र की कटौती, CM भूपेश बघेल ने केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर की राशि भेजने की माँग

Chief Editor
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मक्का, टमाटर, चना ,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीय (सीआईआई),संसाधनों, पर्यावरण,लोहा और कोयला,रायपुर।  छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना  ( मनरेगा )  के लिए केंद्र सरकार की ओर से जरूरत के अनुसार राशि मुहैया नहीं कराई जा रही है ।  पहले जहां प्रथम छिमाही में 50 से 75 फीसदी राशि छत्तीसगढ़ भेजी जाती थी, वहां इस बार अब तक सिर्फ करीब 21 फीसदी राशि भेजी गई है। केन्द्र की ओर से कटौती किए जाने से  मनरेगा का संचालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है  और पुराने पेंडिंग मजदूरी का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।  इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है  । जिसमें छत्तीसगढ़ की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार 1982 करोड़ रुपए  की शेष जारी करने का अनुरोध किया है ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत वर्ष 219 – 20 के लिए भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए लेबर बजट 13 16 मानव दिवस अनुमोदित है ।  इसके अनुसार 2 19 – 20 हेतु प्रथम छमाही और 2018 –  19 के लंबित मजदूरी और सामग्री भुगतान हेतु 2525 करोड़ रुपए का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है  । इस प्रस्ताव के विरुद्ध 540 करोड रुपए का आवंटन मिला है   । जोकि करीब 21% है  । उन्होंने पिछले 2 वर्षों की मार्च –  अप्रैल में जारी प्रथम किस्त की जानकारी भी दी है । जिससे यह जाहिर हो रहा है कि पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन के दौरान मनरेगा के लिए केन्द्र सरकार की ओर से अधिक राशि दी जा रही थी। फिर भी उस दौरान मजदूरों का भुगतान बकाया है।   भूपेश बघेल के पत्र के  मुताबिक इन वर्षों में अधिक आवंटन मिला है  । जो कि 20 17 –  18 में करीब 64% और 2018 – 19 में करीब 50% है  । मुख्यमंत्री ने पूर्व वर्ष के लंबित भुगतान की भी जानकारी दी है ।  जो कि 2017  – 18 में 485 करोड़ 2018 – 19 में 666 करोड़ और2019 – 20 में 499 करोड़ है ।  मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से 2019 – 20 के प्रस्ताव के मुताबिक 1982 करोड़ रुपए  की शेष राशि जारी करने का अनुरोध किया है ।

 

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