Chhattisgarh:सुप्रीमकोर्ट आदेश के अनुरूप पटाखा फोड़ने की समय-सीमा में कोई बदलाव नहीं

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के रायपुर स्थित राज्य मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में पटाखा फोड़ने की समय-सीमा में कोई परिर्वतन नहीं किया गया है। सर्वोच्च अदालत ने 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को जारी आदेशों में छत्तीसगढ़ राज्य में पटाखे फोड़ने के समय को नहीं बदला है। इसलिए छत्तीसगढ़ में रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी। निर्धारित ध्वनि सीमा के पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे।.अधिकारियों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी सभी आदेश छत्तीसगढ़ में लागू रहेंगे। इनमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।सिर्फ ग्रीन पटाखों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने यह बताया है कि यह निर्देश सिर्फ दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) के लिए है। इसलिए छत्तीसगढ़ में लोग निर्धारित ध्वनि सीमा अर्थात् 125 डीबी के नीचे के पटाखे फोड़ सकेंगे।

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राज्य में सर्वोच्च अदालत के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राज्य शासन और पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा इसके लिए जन-जागरण अभियान भी चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि संरक्षण मंडल ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए राज्य में पटाखा दुकानों का निरीक्षण शुरू कर दिया है, ताकि अदालत के आदेश के अनुरूप आगामी दीपावली के दौरान ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए सभी संबंधित विभागों के संयुक्त निरीक्षण दल बनाए गए हैं।

इसी कड़ी में पर्यावरण संरक्षण मंडल के भिलाई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त निरीक्षण दल ने दुर्ग जिले के विभिन्न स्थानों पर पटाखा वितरकों और विक्रेताओं के गोदामों और दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। संयुक्त निरीक्षण दल ने कुथरेल के एक गोदाम से विभिन्न प्रकार के पटाखों की 145 नग लड़ियां जब्त की।

अधिकारियों ने बताया कि इन लड़ियों में अलग-अलग संख्या में पटाखे रखे गए थे। जब्त शुदा लड़ियों में एक हजार पटाखों की 51 नग, दो हजार पटाखों की 50 नग, तीन हजार पटाखों की 21 नग, पांच हजार पटाखों की 10 नग और दस हजार पटाखों की 13 नग लड़ियां शामिल हैं।

इस दुकान से पटाखों के चार सेम्पल लेकर उनका ध्वनि मापन किया गया, जिसमें ध्वनि का स्तर निर्धारित मानक सीमा (125 डीबी) के भीतर पाया गया। एक अन्य दुकान से भी पटाखों के दो सेम्पल लेकर ध्वनि मापन किया गया। इसमें भी ध्वनि निर्धारित सीमा में पायी गई।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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