Chhattisgarh : आरटीई की दो हजार से अधिक सीटें खाली रह गई प्राइवेट स्कूलों में, विधानसभा में उठे सवाल पर मंत्री ने दिया यह जवाब

Shri Mi
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रायपुर।जिला स्तर पर निजी स्कूलों की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा सहायक नोडल अधिकारियों एवं संकुल प्रभारी द्वारा की जाती है। यह जानकारी आदिम जाति विकास मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। कांग्रेस सदस्य विकास उपाध्याय ने जानना चाहा कि निजी स्कूलों की मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था है? निजी स्कूलों की फीस निर्धारण का आधार क्या है?राजधानी के निजी स्कूलों में शिक्षा छात्रों ने 2019-20 में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कितनी सीटें रिक्त रही? शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सीट रिक्त के कारण को बताएं?सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप न्यूज ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए

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जिसके जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि जिला स्तर पर निजी स्कूलों की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और सहायक नोडल अधिकारियों एवं संकुल प्रभारी द्वारा की जाती है। निजी स्कूल के लिए वर्तमान में फीस का निर्धारण स्वयं स्कूलों के द्वारा किया जाता है।राजधानी के निजी स्कूलों में शिक्षण सत्र 2019-20 में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 2278 सीटें रिक्त रही। पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी उपलब्ध ना होने के कारण ये सीटें रिक्त रही।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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