अंबिकापुर।राज्य शासन द्वारा नन्हे बच्चों के स्वास्थ्य और सुनहरे भविष्य के लिए सुपोषण अभियान संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर डॉक्टर सारांश मित्तर द्वारा सरगुजा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाए जा रहे सुपोषण अभियान को पूरी गंभीरता और उद्देश्य के अनुरूप संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को भी पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। डॉक्टर सारांश मित्तर द्वारा इस अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिये जिला खनिज संस्थान न्यास से एक करोड़ ग्यारह लाख रुपए प्रदान किए गए हैं, ताकि बच्चों को चावल, दाल, सब्जी, रोटी, आचार, पापड़, बड़ी के साथ उबला अंडा अथवा भुना हुआ सोया बड़ी उपलब्ध हो सके एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 2 दिन उबला अंडा अथवा सोया बड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
कलेक्टर डॉ. मित्तर ने सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ ही राजस्व और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सतत मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में 20 सितंबर को अधिकारियों द्वारा सघन मॉनीटरिंग की गई । निरीक्षण के दौरान लुण्ड्रा के एक, मैनपाट के एक तथा उदयपुर के ग्यारह आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण अभियान का नियमानुसार संचालन नहीं पाया गया।
इनमें लुण्ड्रा जनपद के डुमरडी माझीपारा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मैनपाट जनपद की पथरई मिशनपारा आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता, उदयपुर जनपद अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र टिकरापारा, भकुर्मा बसवारडांड ,भकुर्मा घुटटीपारा, बुले खासपारा, पेंड्रखी खासपारा, बकोई मूंदाराडाढ़, बकोई, खासपारा, कुंडेवा बिछलघाटी, पेंड्रखी जरहाडाढ़पारा, पूटा गोरयाडोल,साल्हि देऊर्पारा, शामिल है । संबंधित आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया तथा पूछा गया है कि क्यों ना कार्य में लापरवाही बरतने पर आपकी सेवा समाप्त कर दी जाए, निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करने पर एकतरफा कार्यवाही की जाएगी।