बिलासपुर । सरकारी स्कूलों में बच्चों के पढ़ाने वाले शिक्षा कर्मियों को सरकार की ओर से बहुत सारी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जिससे उनका भविष्य असुरक्षित नजर आता है। ग्रेच्युटी जैसी सुविधा नहीं होने की वजह से किसी शिक्षा कर्मी के आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार पर पहाड़ टूट पड़ता है। इस तरह की स्थिति का सामना करकते हुए बम्हनीडीह के शिक्षा कर्मीं संगठन से जुड़े लोगों ने अभिनव पहल करते हुए संवेदना योजना शुरू की है । जिसके तहत शिक्षा कर्मियों के बीच सहयोग राशि अभियान चलाकर एक फंड तैयार किया जा रहा है। इसी तरह की राशि से एक शिक्षा कर्मी लखेश्वर सिंह कंवर के निधन के बाद उनके परिवार को 1 लाख 7 हजार रुपए की राशि सहयोग के रूप में प्रदान की गई।जैसा कि मालूम है कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा कर्मियों ने हाल ही में हड़ताल की थी। इm दौरान शासकीयकरण- संविलयन की माँग जोर-शोर से उठाई गई थी। साथ ही समान काम-समान वेतन का मुद्दा उठाया गया था।
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यह दर्द भरी आवाज सभी तरफ से उठी थी कि सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएँ देने के बावजूदद शिक्षा कर्मियों को कई सुविधाएँ नहीं मिलती। जिससे उनके परिवार के लोगों को भी काफी तकलीफ होती है। ग्रेज्युटी की सुविधा भी उनमें से एक है। जो शिक्षा कर्मियों को नहीं मिल रही है। जिससे किसी कर्मी के आकस्मिक निधन पर उनके परिवार को किसी तरह की तात्कालिक मदद नहीं मिल पाती। इसका जाता उदाहरण उस समय सामने आया , जब बम्हनीडीह के शिक्षा कर्मी छत्तीसगढ़ .पं.ननि. शिक्षक संघ ब्लॉक बम्हनीडीह के सक्रिय सदस्य लखेश्वर सिंह कंवर का आकस्मिक निधन हो गया। वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में व्ख्याता पंचायत के पद पर कार्यरत थे।
आकस्मिक निधन से उनके परिवारर पर वज्र टूट पड़ा। ग्रेच्युटी जैसी सुविधा नहीं होने के कारण उनके परिवार को तत्काल राहत नहीं मिल सकी तो इसका बीड़ा शिक्षा कर्मी संगठन के लोगों ने उठाया और संवेदना योजना शुरू कर दी। इस योजना के तहत लोगों से सहयोग राशि एकत्रित की। यह जानकारी मिली कि स्व. लखेश्वर सिंह कंवर की बीमारी में हुए खर्च की वजह से तीजनहावन( तीज कर्म) के लिए भी राशि नहीं है। इस पर संगठन के लोगों ने उनके परिवार को 11 दिसंबर को 30 हजार रुपए की राशि सहयोग के रूप में प्रदान की।इसके बाद दशगात्र के दिन 19 दिसंबर को उनके गृह ग्राम पुछेली जाकर उनकी पत्नी श्रीमती कांशी बाई कंवर को 77 हजार 8 सौ रुपए की राशि दी। इस तरह परिवार को 1 लाख 7 हजार 8 सौ रुपए की सहायता दी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि छ ग पंचायत न नि शिक्षक संघ ब्लॉक बम्हनीडीह द्वारा ब्लॉक के किसी भी शिक्षा कर्मी के निधन होने पर संवेदना योजना प्रारंभ की गई है।प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा व प्रदेश महासचिव बसंत चतुर्वेदी ने शासन से मांग करते हुए कहा कि वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वीकृति देते हुए सभी विभाग सचिव को नवीन अंशदायी पेंशन योजना में ग्रेच्युटी(उपदान) का प्रावधान करने का आदेश दिया गया है। अतः शिक्षाकर्मियो के लिए भी नियम बनाते हुए जितने भी शिक्षा कर्मियों का निधन हुवा है उनके आश्रित को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जावे।प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा व प्रदेश महासचिव बसंत चतुर्वेदी, ने कहा कि ग्रेच्युटी का प्रावधान नही होने के कारण छत्तीसगढ़ शिक्षा कर्मी संघ बम्हनीडीह द्वारा संवेदना योजना प्रारम्भ की गई है।
दशगात्र कार्यक्रम में शिक्षा कर्मी संघ बम्हनीडीड से बसंत चतुर्वेदी, माखन राठौर, उमेश तेम्बुलकर, शैलेश दुबे, शिव कुमार पटेल, विनोद राठौर, विकेश केशरवानी, गोपाल जायसवाल, डिलेस्वर डड़सेना,जगेन्द्र वस्त्रकार,उमेश दुबे,नारायण चंद्रा,संतराम कश्यप,रामलाल डडसेना,जीवन राठौर,धरमदास मानिकपुरी,रमेश मेहरा,असरफ हुसैन,पितांबर कश्यप,उमाशंकर खुंटे,बलराम खैरवार,छतराम कश्यप,एकादसीया मांझी,भरत लाल कश्यप,प्रेमसागर कश्यप,बाबूलाल कश्यप,पंचराम कश्यप,शिवकुमार कश्यप,टीकाराम गोपालन,सरिता चौहान,विवेक राठौर,जगत सिंह कंवर,दुजेन्द्र कर्मशील,विश्वनाथ कश्यप,राजेश कश्यप,नोहरराम साहू,कृष्णकुमार पटेल,नागेश कुंभकार,रामाधार जायसवाल,हेमलाल रात्रे,दादूराम मांडलेकर,राजीव लोचन कश्यप,योगेश खूंटे,नवधा चंद्रा,सहित सैकड़ों शिक्षा कर्मी शामिल हुए।