त्रिस्तरीय पंचायती राज की भांति प्रदेश में त्रिस्तरीय मंहगाई भत्ता-भेदभाव से नाराजगी,छत्तीसगढ़ के कर्मचारी 16 प्रतिशत पीछे,8 अगस्त को धरना देंगे

Chief Editor
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विजय कुमार झा

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश के शासकीय सेवकों को लंबित  4 किश्तों क्रमशः 1 जुलाई 2019 से 1 जुलाई 2021 तक देय मंहगाई भत्ता को लंबित रखने तथा प्रदेश में तृस्तरीय पंचायती राज की भाॅति तृस्तरीय मंहगाई भत्ता दिए जाने की आलोचना की है।

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संघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में विद्युत मण्डल के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता वृद्वि कर 28 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया। निःसंदेह यह स्वागत योग्य कदम है। किंतु इस राशि को प्रदेश की भोलीभाली जनता को विद्युत दरों में 6 प्रतिशत् वृद्वि किए जाने के निर्णय का संध ने विरोध किया है। संघ ने 8 अगस्त तक 16 प्रतिशत लंबित मंहगाई भत्ता भुगतान आदेश छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी न करने पर रविवार को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा आयोजित बूढ़ातालाब धरना स्थल पर प्रतिकात्मक धरना अनशन में भाग लेने का निर्णय लिया गया है।  संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि संघ छत्तीसगढ़ राज्य में प्रभावी तृस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की भाॅति तृस्तरीय मंहगाई भत्ता दिए जाने को अव्यवहारिक निरूपित किया है। संध ने प्रदेश सरकार के शासकीय सेवकों को 12 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता दिए जाने तथा इसी राज्य में केन्द्रीय कर्मचारियों तथा विद्युत मण्डल के कर्मचारियों को 28 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता दिए जाने की आलोचना की है। एक ही राज्य में तीन प्रकार के मंहगाई भत्ता क्रमशः छत्तीसगढ़ शासन के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत् तथा केन्द्रीय कर्मचारियों एवं विद्युुत नियामक आयोग के कर्मचारियों को 28 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता दिया जाना छत्तीसगढ़ की माटी में भेंदभाव की नीति की आलोचना की है। जिस तरह प्रदेश में तृस्तरीय पंचायती राज प्रभावशील है, उसी भाॅति तीन स्तरीय मंहगाई भत्ता देकर कर्मचारियों को बांटा जा रहा है।

प्रदेश में कार्यरत् केन्द्रीय कर्मचारियों को 28 प्रतिशत्, राज्य के विद्युत मण्डल के कर्मचारियों को भी 28 प्रतिशत् तथा छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता देकर तीन स्तरों को विभक्त कर दिया गया है। इससे प्रदेश के कर्मचारियों को व्यापक आर्थिक क्षति हो रही है। वहीं विद्युत मण्डल के कर्मचारियों को उनकी जायज मांग को पूरा कर 28 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता जो उनका अधिकार है, प्रदान कर सरकार विद्युत मण्डल के कर्मचारियों को विद्युत दरें बढ़ाकर उनको बदनाम कर रही है। राज्य सरकार के भेदभाव की नीति का संध के सदस्य छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर आगामी 8 अगस्त को प्रस्तावित ‘‘वादा निभाओं प्रतिकात्मक अनशन‘‘ में भाग लेकर प्रदेश में व्याप्त भेदभाव की नीति का प्रतिकार किया जावेगा। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को 1 जनवरी 2019 से 1 जुलाई 2021 तक के मंहगाई भत्ता भुगतान न करने के कारण कर्मचारियों में आक्रोष है। केन्द्रीय कर्मचारियों एवं विद्युत मण्डल के कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता बढ़कर 17 से 28 प्रतिशत् हो गया है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों 1 जनवरी 2019 से मात्र 12 प्रतिशत मंहगाई भत्ता मिल रहा है। राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय व विद्युत मण्डल के कर्मचारियों से 16 प्रतिशत् पीछे हो गए है।

संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, पीएचई.संयोजक विमल चन्द्र कुण्डू, सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, संजय झड़बड़े, डाॅ. अरूंधति परिहार, रामचंद्र ताण्डी, मनोहर लोचनम्, नरेश वाढ़ेर, सुंदर यादव, रविराज पिल्ले, राजू मुदलियार, कुंदन साहू एस.पी. यदु, प्रकाश ठाकुर, सुनील शर्मा, दिनेश मिश्रा, प्रदीप उपाध्याय, विजय डागा, ए.जे.नायक, शेखर सिंह ठाकुर, कृष्णकांत मिश्रा, राजकुमार देशलहरे, दिनेश साहू,, प्रवीण ढिढवंशी, आदि नेताओं ने रविवार को प्रस्तावित अनशन कार्यक्रम में अधिकाअधिक संख्या में भाग लेकर, सफल बनाने की अपील की है।

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