रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए मंहगई भत्ते (डीए) की मंजूरी की गई है। जिसमें कई बातें स्पष्ट नहीं है और कर्मचारियों के सामने भ्रम की स्थिति बन रही है। खासकर इस आदेश से यह साफ नहीं हो रहा है कि कर्मचारियों को नए डीए का लाभ कब से मिलेगा और जिन पुरानी तिथियों को लेकर आदेश जारी किया गया है , उस पर डीए का लाभ कब से मिलेगा। यह भी स्पष्ट नहीं है कि डीए का भुगतान किस तरह किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी.आर. यादव ने डीए की घोषणा पर इस तरह की प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि शासन की ओर से जारी आदेश त्रुटिपूर्ण लगता है। हो सकता है कि इसमें टाइपिंग की त्रुटि हो या कोई औऱ त्रुटि हो सकती है। उन्होने कहा कि संघ की ओर से यह माँग की जाती रही है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का डीए लंबित है । इस पर सरकार को जल्दी ही निर्णय लेना चाहिए । लेकिन जो आदेश जारी किया गया है उसमें कई बातें अस्पष्ट हैं। मसलन जुलाई 2016 से लंबित डीए का क्या हुआ यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। नए आदेश में जुलाई 2016 से 2 प्रतिशत डीए देने की बात आदेश में है। लेकिन इसका भुगतान किस तरह – कब किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। क्या उस अवधि के डीए की राशि जीपीएफ में जमा की जाएगी या इस बारे में बाद में निर्णय लिया जाएगा। यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। नए आदेश में जनवरी 2017 से 4 प्रतिशत डीए देने का प्रवधान किया गया है। लेकिन यह भी निर्देश दिया गया है कि बढ़े हुए मंहगाई भत्ते की राशि का नगद भुगतान 1 जुलाई 2017 ,से किया जाएगा। यहां भी यह स्पष्ट नहीं है कि 1 जनवरी 2017 से जुलाई तक बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का भुगतान किस तरह किया जाएगा।
पी.आर. यादव ने कहा कि शासन के वित्त विभाग के इस आदेश से कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बन रही है। इसे देखते हुए शासन को स्थिति स्पष्ट करते हुए नया आदेश जारी करना चाहिए।
शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को साफ सुथरा आदेश जारी करने चाहिए, जिससे DA के दोनों किस्तों को भुगतान सुगम हो सके।