♦वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जनसुनवाई करने वाला,देश का पहला और इकलौता राज्य छत्तीसगढ़
रायपुर।केन्द्रीय लोक शिकायत एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के वेबपोर्टल ‘सीपीग्राम्स‘ में आवेदन पत्रों के निराकरण में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार के जनशिकायत निवारण विभाग के अधिकारियों ने मंत्रालय मे बताया कि सेन्ट्रल पब्लिक ग्रिवेन्स रिड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीग्राम्स) वेबपोर्टल से छत्तीसगढ़ सरकार को 18 हजार 735 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 81.66 प्रतिशत अर्थात् 15 हजार 299 आवेदनों का निराकरण कर दिया गया। केन्द्रीय लोक शिकायत और प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा अक्टूबर 2017 की स्थिति में छत्तीसगढ़ को मामलों के निराकरण में देश के 29 राज्यों में पहले नम्बर पर पाया।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार के जनशिकायत निवारण विभाग द्वारा भारत सरकार के वेबपोर्टल ‘सीपीग्राम्स‘ के जरिये ऑन लाइन मिलने वाले आवेदन पत्रों का निराकरण शासन स्तर पर किया जाता है। राज्य में लोक शिकायतों के निराकरण के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली का भी उपयोग किया जा रहा है। सभी जिला मुख्यालयों से इस प्रणाली के जरिये नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में आवेदकों का जनशिकायत निवारण विभाग के अधिकारियों का सीधा सम्पर्क होता है। आवेदन पत्र की विषय वस्तु के अनुसार संबंधित विभाग के अधिकारी को बुलाकर आवेदक के सामने ही उसकी समस्या के निराकरण का प्रयास किया जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 15 अगस्त 2004 को रायपुर कलेक्टोरेट में इसका शुभारंभ किया था। आगे चलकर वर्ष 2012 तक सभी 27 जिलों को इसमें शामिल कर लिया गया। छत्तीसगढ़ देश का पहला और इकलौता राज्य है, जहां सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए जनशिकायतों के निराकरण के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।अधिकारियों के अनुसार इस प्रणाली में प्रतिदिन आठ जिलों के आवेदकों को अपने जिला मुख्यालय से ही मंत्रालय तक अपनी बात पहुंचाने का मौका मिल रहा है। आवेदक अपने जिले के कलेक्टर कार्यालय और मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो वार्ता के जरिये अपनी समस्याओं की जानकारी देते हैं, जिन्हें मंत्रालय के अधिकारी रजिस्टर में नोट कर संबंधित विभागों को भिजवाते हैं।
आवेदक निर्धारित दिवस पर अपने कलेक्टर कार्यालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिग कक्ष में आकर निर्धारित दिनों में दोपहर एक बजे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जनसुनवाई में अपनी बात रख सकते हैं। दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर, रायगढ़, राजनांदगांव, सरगुजा, बेमेतरा और बालोद जिलों के आवेदकों के लिए सोमवार और धमतरी, बालोद, कोण्डागांव, जांजगीर-चाम्पा, कांकेर, कोरबा, कोरिया और मुंगेली के आवेदकों के लिए मंगलवार का दिन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के लिए निर्धारित किया गया है। बुधवार को महासमुंद, बिलासपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, कबीरधाम, बेमेतरा और रायपुर, सरगुजा, बलरामपुर-रामानुजगंज जिलों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग हो रही है। प्रत्येक गुरूवार को दुर्ग, सूरजपुर, बस्तर, जांजगीर-चाम्पा, कांकेर, जशपुर, बीजापुर और मुंगेली जिलों के आवेदक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को धमतरी, बिलासपुर, गरियाबंद, कोरिया, कबीरधाम, राजनांदगांव, सरगुजा और बलरामपुर-रामानुजगंज तथा शनिवार को महासमुंद, दंतेवाड़ा, बस्तर (जगदलपुर), जशपुर, कांकेर, कोरबा, सुकमा और नारायणपुर जिलों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का दिन निर्धारित किया गया है। आवेदकों की सुनवाई के साथ-साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की योजनाओं की जमीनी स्तर पर प्रगति की समीक्षा भी की जा रही है। प्रत्येक विभाग को इसके लिए अलग-अलग दिन तय कर दिये गये हैं। निर्धारित दिनों में यहां मंत्रालय में संबंधित विभागों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से अपने विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा करते हैं। राज्य के सभी 146 जनपद पंचायतों को भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये मंत्रालय से जोड़ दिया गया है।