उत्तर प्रदेश में चिकन पॉक्स के मामले सामने आने लगे हैं. बलिया जिले के गोविंदपुर गांव के प्राइमरी स्कूल के 9 छात्रों और एक अध्यापक के चिकन पॉक्स (Chickenpox) रोग की चपेट में आ गए हैं. सीएचसी के एक चिकित्सक ने रविवार को यह जानकारी दी.सभी छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए उपचार व रोकथाम के अन्य प्रयास शुरू कर दिए हैं.
कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) नरही के अधीक्षक डॉ. साकेत बिहारी शर्मा ने रविवार को बताया कि सोहांव विकासखंड के गोविंदपुर गांव के प्राइमरी स्कूल के 9 बच्चे चिकनपॉक्स की चपेट में आ गए हैं. खंड शिक्षा अधिकारी लालजी ने विद्यालय के सहायक अध्यापक विवेक कुमार के भी इस रोग से संक्रमित होने की पुष्टि की है.
स्कूल के सूत्रों के अनुसार, 2 फरवरी को गोविंदपुर प्राइमरी स्कूल आए कुछ बच्चों के चेहरे पर लाल दाने दिखाई दिए. शिक्षकों ने समझा कि मच्छर के काटने से ऐसा हुआ है, लिहाजा उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. डॉक्टर ने बताया कि शुक्रवार को स्कूल की तरफ से बच्चों के चिकनपॉक्स से संक्रमित होने की जानकारी मिली. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवा वितरण करने के साथ ही उपचार व रोकथाम के अन्य प्रयास शुरू कर दिए हैं.
चिकन पॉक्स (Chicken Pox) में पूरे शरीर पर रेड फुंसियां हो जाती हैं. अक्सर लोग इसे खसरे की बीमारी समझते हैं. इस बीमारी में खुजली करने का मन करता है और इसमें बुखार, खांसी और नाक बहने की समस्या भी दिखाई देती है. चिकनपॉक्स के घाव सात-आठ दिनों में खुद कम होने लगते हैं. वहीं बुखार भी हफ्ते भर में घटने लगता है.