मुख्यमंत्री का जवाब निराशाजनक..कर्मचारी नेता ने बताया..अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-प्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी नेता सुनील यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कर्मचारियों के मांग के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है। प्रेस नोट जारी कर फेडरेशन नेता सुनील ने पांच दिवसीय हड़ताल के दौरान दो सूत्रीय मांग पूरी नहीं होने की सूरत में प्रदेश के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। 
            लिपिक नेता सुनील यादव ने बताया कि अधिकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर पांच दिवसीय हड़ताल पर है। विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बहुत ही उदासीन जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने भत्ता  को लेकर यथा समय दिए जाने की बात कही है। बयान को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में आक्रोश है। 
                 सुनील ने बताया कि 70 से अधिक संघो के साथ फेडरेशन आंदोलन पर है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों की मांग को विधानसभा में गंभीरता के साथ लेंगे। लेकिन विधानसभा मे लगे प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया की राज्य के उपलब्ध संसाधनों और स्थिति के अनुसार उचित समय पर भत्ता देय होगा। 
            कर्मचारी नेता के अनुसार फेडरेशन 12 प्रतिशत से कम महंगाई भत्ता को स्वीकार नहीं करेगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र सात दिन बाद समापन हो गया। सत्र के दौरान कर्मचारियों को घोषणा या आदेश का इंतजार था। लेकिन मुख्यमंत्री के जवाब से आंदोलन पर बैठे लोगों को निराशा हुई है।
            नाराजगी जाहिर करते हुए सुनील ने बताया कि आंदोलनरत कर्मचारियों को  मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए भी नहीं बुलाया। मुख्यमंत्री की उदासीनता से  कर्मचारी वर्ग में आक्रोश है। हमारी मांग है कि चाहे जन प्रतिनिधि हो या कर्मचारी सभी के लिए एक ही नियम होना चाहिए। एक न्याय प्रणाली और मापदंडों को अपनाना चाहिए। कर्मचारियों की मांग पूर्ण नही होने से आने वाले समय में निश्चिंत कालीन आंदोलन की समीक्षा कर अनिश्चितत कालीन आंदोलन की तरफ कदम बढ़ाया जाएगा।

 

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