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Bilaspur News

ई पाठशाला- “हमर बिलासपुर” के बच्चे अब पढ़ेंगे स्मार्ट क्लास रूम में

बिलासपुर- शहर के स्कूली बच्चों को स्मार्ट बनाने और स्मार्ट तरीके से पढ़ाने के लिए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ई पाठशाला योजना की शुरूआत की जा रही है।जिसमें स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम स्टूडियों और लैब की स्थापना की गई है। ई पाठशाला के अंतर्गत पढ़ाई की शुरूआत पांच सितम्बर से शुरू होने जा रही है। शुरूआती दौर में इसके लिए दो स्कूल पं.देवकीनंदन दीक्षित और मल्टीपरपज़ स्कूल का चयन किया गया है,जहां सारे उपकरणों की स्थापना की गई है। शासकीय स्कूल में शुरू होने वाला यह प्रदेश की पहली योजना है।ई पाठशाला के अंतर्गत स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम बनाया गया है,जहां 75 इंच का एलईडी स्क्रीन इंस्टाल किया गया है। इंटरनेट से जुड़ी इस स्क्रीन के ज़रिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा.इसके अलावा क्लास रूम में स्पीकर,कैमरा और माइक भी लगे हैं। पं.देवकीनंदन स्कूल में एक स्टूडियों भी बनाया गया है,जहां शिक्षक अनुपस्थित रहने की दशा में अगले दिन के लिए अपना क्लास रिकार्ड कर सकते है।इसके अलावा पं. देवकीनंदन स्कूल में एक लैब की भी स्थापना की गई है,जहां 30 कंप्यूटर सिस्टम इंस्टाल किया गया है। इस लैब में सभी विषयों के स्टडी मटेरियल समेत अन्य आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराया गया हैई पाठशाला योजना के अंतर्गत पं.देवकीनंदन दीक्षित स्कूल और मल्टीपरपज़ हायर सेकेण्डरी स्कूल में कक्षा ग्यारहवी और बारहवी के लिए पांच-पांच स्मार्ट क्लास रूम बनाया गया है। जिसमें हर क्लास में 60 विद्यार्थियों की बैठक क्षमता है।
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पं.देवकीनंदन दीक्षित स्कूल में सर्वर रूम की स्थापना की गई है,अधिक क्षमता के इस सर्वर से शहर के लगभग 40 स्कूलों में ई पाठशाला जैसे डिज़िटल तरीके से पढ़ाई का संचालन किया जा सकता है। स्मार्ट सिटी के एमडी श्री अजय त्रिपाठी ने बताया की भविष्य में इस सर्वर का उपयोग कर शहर के अन्य स्कूलों में भी ई पाठशाला योजना को लागू करने की योजना है।कार्य की सेवा शर्तों के मुताबिक ई पाठशाला योजना को स्कूलों में स्थापित करने वाली बेंगलूरू की कंपनी अगले तीन साल तक योजना का संचालन और तकनीकी मेंटेनेंस भी करेगी, किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या आने पर कंटनी की तरफ से चौबीस घंटे हेल्प डेस्क चालू रहेगा

हाईटेक तरीके से पढ़ाई करने के लिए क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है।

हाईटेक तरीके से पढ़ाई करने से छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी। सामान्य तरीके से पढ़ाई में अगर कुछ चीजे समझ में ना आएं तो शिक्षको और छात्रों दोनों को काफी मेहनत करनी पड़ती थी,पर ई पाठशाला के ज़रिए पढ़ाई के दौरान चीजों को समझाने के लिए तत्काल डिज़िटल बोर्ड में उदाहरण दिया जा सकता है। खासकर जटिल विषय जैसे विज्ञान और गणित।

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