hasdevःजलवायु परिवर्तन के लिए चिल्ल-पों ..फिर लाखों पेड़ काटने की इजाजत..?..दोहरा मापदण्ड क्यों.? पढ़ें..21 को क्या होने वाला है.?

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एकतरफ सरकार जलवायु परिवर्तन के लिए पौने 3 लाख करोड़ की कार्य योजना को लेकर हरी दिखा रही है। दूसरी तरफ हसदेव अरण्य को उजाड़ा जा रहा है। आखिर लोग मौन क्यों है…। आखिर दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। यह बातें आप नेता कोमल हुपेंडी ने प्रेस नोट जारी कर सरकार से जवाब मांगा है। 
 
                      आप नेता कोमल हुपेन्डी ने राज्य सरकार पर दोहरा मापदण्ड का आरोपा लगाया है। आप कार्यालय से जारी प्रेस नोट में बताया कि हसदेव अरण्य में दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है। हसदेव अरण्य को जमकर भ्रष्टाचार का मैदान बना दिया गया है। इसलिए रकार को जगाने के लिए 21 मई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।
 
         आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर डबल गेम खेल रही है। एकतरफ जलवायु परिवर्तन के लिए सरकार सिर्फ 5 जिलों के लिए पौने 3 लाख करोड़ की कार्य योजना बनाती है। दूसरी तरफ हसदेव अरण्य क्षेत्र में 4 लाख पेड़ों की हत्या कर जंगल को उजाड़ा जा रहा है।  ऐसा दोहरा मापदंड क्यों?
 
                  कोमल हुपेन्डी ने बताया कि राज्य सरकार ने महासमुंद, बलरामपुर, बलौदाबाजार, मुंगेली और गरियाबंद में 10 वर्षों की जलवायु  परिवर्तन की कार्य योजना अनुमोदन के लिए पर्यावरण मंत्रालय में अनुमति की मांग की है। दूसरी तरफ हसदेव अरण्य में जलवायु अच्छी है लेकिन उसे उजाड़कर  मध्य भारत में जलवायु का सत्यानाश करने का आदेश दिया जा रहा है।
 
         और हसदेव से ध्यान भटकाने  कुछ जिलों के लिए पौने तीन लाख करोड़ की योजना दिखावा और भ्रष्टाचार के लिए मंजूर किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि जानबूझकर प्रदेश सरकार हसदेव उजाड़ने पर होने वाले  नुकसान का अंदाजा तक नहीं लगा पा रही हैं।  पर्यावरण के प्रति सरकार का दोगला रवैया जनसाधारण की समझ से परे है।
 
                    कोमल हुपेंडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी हसदेव अरण्य में जंगल उजाड़ने और आदिवासियों को विस्थापित करने का पुरजोर विरोध कर रही है सरकार को नींद से जगाने आम 21 मई 2022 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव  करेगी। हुपेन्डी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को जनता के हितों की कोई चिंता नहीं है। सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने  का खेल चल रहा है।
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