CJM सील चोरी:वकील ने साथियों के साथ मिलकर की कूटरचना..अधिवक्ता सहित खुद को पत्रकार बताने वाला गिरफ्तार

Shri Mi
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बिलासपुर।जज की सील चोरी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में पुलिस ने अधिवक्ता व उसके साथी को किया है। अधिवक्ता का साथी भी फर्जी पत्रकार बन कर कार में घूम रहा था,जिसे सीजेएम के सील लगे जाली दस्तावेजो के साथ गिरफ्तार किया गया हैं। मामले में मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर में सीजेएम( मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) के पद पर पदस्थ डमरूधर चौहान की कुछ समय पहले जिला अदालत से उनकी पदनाम वाली दाण्डिक सील मोहर चोरी हो गयी थी। जिसकी शिकायत अगस्त माह में कोर्ट के कर्मचारियों ने थाना सिविल लाईन में की थी। शिकायत की जांच सिविल लाईन पुलिस कर रही थी। इस बीच जिले में नवपदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर के संज्ञान में यह शिकायत आई। जिसे उन्होंने गम्भीरता से लेते हुए जल्द से जल्द मामले के निराकरण का निर्देश सिविल लाईन पुलिस को दिये ताकि न्यायाधीश की सील का दुरुपयोग होने से रोका जा सके।

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एसएसपी के निर्देश के बाद मामले को सुलझाने के लिए पुलिस लगी ही थी कि इस बीच सिविल लाईन थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक धर्मेंद्र वैष्णव को पुलिस से सूचना मिली कि सांची कालोनी सरकण्डा का राजेश मैसी अपने कार में ऑल इंडिया प्रेस का पट्टी लगा कर तथा अपने साथ छद्म लोगो को आल इंडिया क्राइम प्रेस मीडिया का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर शहर में घूम रहा है और किसी के साथ भी ठगी कर सकता हैं। सूचना पर पुलिस ने भारतीय नगर चौक पर घेराबन्दी कर स्कोडा कार क्रमांक cg 10 u 7733 को रोककर तलाशी ली।

कार के पीछे आल इंडिया क्राइम प्रेस मीडिया का लोगो बना हुआ है। कार में राजेश मैसी नामक व्यक्ति मिला जिसने अपने आप को आल इंडिया क्राइम प्रेस मीडिया का डायरेक्टर बताया। दस्तावेज पेश करने के लिए कहने पर राजेश मैसी द्वारा ऑल इंडिया क्राइम प्रेस मीडिया का सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज पेश किया।उपनिरीक्षक धर्मेंद्र वैष्णव के द्वारा उक्त दस्तावेजो का अवलोकन किया गया जिसमें दस्तावेज ” आफिस ऑफ रजिस्टार ऑफ न्यूज पेपर फार इंडिया एप्लिकेशन फार टाइटल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर के पदनाम व सील मोहर व उनका हस्ताक्षर पाया गया। इसके साथ ही एक घोषणा पत्र भी मिला जिसमे सीजेएम का परमिशन लिखा था व उनके पदनाम वाली सील के साथ उनके हस्ताक्षर भी थे। जिसे फर्जी प्रतीत होने पर थाना सिविल लाईन में सीजेएम न्यायालय से आये डाक व अन्य दस्तावेजो से मिलान किया गया।

मिलान में सीजेएम के हस्ताक्षर में भिन्नता पाए जाने पर राजेश मैसी से बारीकी से पूछताछ की गई। जिस पर उसने बताया कि दिल्ली के हेड क्वार्टर द्वारा उक्त दस्तावेज में मजिस्ट्रेट की सील व साईन लगवा कर भेजने को कहा गया था। जिस पर उसने अधिवक्ता राहुल गोस्वामी से सम्पर्क किया। अधिवक्ता राहुल गोस्वामी ने उक्त दस्तावेजो में सीजेएम का सील व साईन करवा कर उसे वापस करने की जानकारी राजेश मैसी द्वारा दी गयी।

पुलिस के द्वारा अधिवक्ता राहुल गोस्वामी को तलब कर पूछताछ की गई। जिस पर अधिवक्ता ने बताया कि उसने व राजेश मैसी ने चार से छै माह पूर्व अदालत से सीजेएम डमरूधर चौहान का दाण्डिक सील व दाण्डिक गोल सील चोरी कर षडयंत्र पूर्वक विभिन्न्न दस्तावेजो में सीजेएम का फर्जी हस्ताक्षर कर व सील लगा कर जाली दस्तावेज बनाये हैं। राजेश मैसी द्वारा प्राप्त मैग्जीन के लिए आवेदन पत्र में भी सीजेएम के जाली हस्ताक्षर व सील लगे हुए थे।

आरोपी फर्जी पत्रकार राजेश मैसी पिता जया मैसी उम्र 42 वर्ष निवासी साँची होम्स मकान नम्बर 18 मोपका थाना सरकण्डा व अधिवक्ता राहुल गोस्वामीजी पिता श्री पूरन पूरी गोस्वामी उम्र 31 वर्ष निवासी कस्तूरबा नगर थाना सिविल लाईन के विरुद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 1515/2021 धारा 379,467,468,120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर हिरासत में लिया गया हैं। आरोपियो के द्वारा और भी कई दस्तावेजो में सील मुहर का उपयोग कर जाली दस्तावेज तैयार करने व फर्जी हस्ताक्षर करने व उनके रैकेट में और भी लोगो के मिले होने की आशंका पर पूछताछ की जा रही हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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