वेतन विसंगति निराकरण समिति को लिपिक प्रतिनिधियों ने दिया स्मरण पत्र..रोहित ने कहा..कुछ विघ्नसंतोषियों ने फैलाया भ्रम..अधिकारी ने बताया-जल्द होगा फैसला

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—लिपिकों ने एक बार फिर वेतनमान सुधार को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वेतन विसंगति दूर किए जाने और मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल में लाने को लेकर लिपिक संघ प्रतिनिधिमंडल प्रांताध्यक्ष रोहित तिवारी की अगुवाई में एक स्मरण पत्र वेतन विसंगति निराकरण समिति को दिया है। इस दौरान लिपक नेताओं ने पूर्व मे सौपे गए प्रस्ताव पर शीघ्र कार्यवाही की मांग की है। छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ नें वेतन विसंगति दूर किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री  की घोषणा को जल्द से जल्द अमल में लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। मामले में लिपिक संघ के नेता प्रांताध्यक्ष रोहित तिवारी की अगुवाई में वेतिन विसंगति निराकरण समित से मुलाकात मांग पत्र दिया है।
 
                      रोहित तिवारी ने मुख्यमंत्री सचिवालय वेतन विसंगति निराकरण समिति के अध्यक्ष मेरी खेम्स और अपर संचालक कोष लेखा पेंशन एल रवि से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के एलान का स्मरण कराया। प्रतिनिधि मंडल को अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय के गौतम नें संघ को अवगत कराया कि लिपिक वेतनमान सुधार की घोषणा को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। जल्द ही मामले में मुख्यमंत्री फैसला लेंगे..। लिपिक संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी नें बताया कि कुछ विघ्नसंतोषी घोषणा को लेकर भ्रम फैला रहे हैँ,। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने मुख्यमंत्री की घोषणा का ऑफिसियल पोर्टल पर स्थिति से अवगत कराया।  प्रतिनिधि मण्डल नें वेतन विसंगति निराकरण समिति के सभी सदस्यों को स्मरण पत्र सौप कर शीघ्र घोषणा पर आदेश प्रसारित करने को कहा  गया । साथ ही प्रदेश भर के लिपिको के आक्रोश से समिति के सभी सदस्यों को अवगत कराया है।
 
                     रोहित तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17फरवरी 2019को लिपिक वेतन मान सुधार की घोषणा पर आदेश प्रसारित करने को लेकर सचिवालय को कई बार पत्र जारी किए है। प्रतिनिधिमंडल की मुख्य मंत्री से मामले को लेकर वार्ता हुई है। सहमति बनने के बाद संघ ने वेतन विसंगती निराकरण समिति के अध्यक्ष सचिव सामान्य प्रशासन को पूर्व में भी प्रतिवेदन संभावित विकल्प के साथ दिया है।
इसी कड़ी में समिति के सदस्यों ने एक बार फिर अपर संचालक को भी वेतनमान सुधार का प्रस्ताव सौंपा है।तिवारी ने बताया की छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग ने 25मई 2022को वेतन विसंगती निराकरण समिति का गठन किया है। समिति गठन आदेश में आंशिक संशोधन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने 9 जून 2022 को अपर संचालक कोष लेखा और पेंशन,वेतन विसंगती समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।लिपिक नेता के अनुसार कुछ संगठन पिंगुवा कमेटी का भ्रम फैला कर वेतन विसंगती समिती के रूप में प्रचारित कर रहें है। लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश से स्पष्ट है कि वेतन विसंगती निराकरण समिति का गठन सचिव सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में हुई है। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद संघ ने सचिव स्तर पर वार्ता कर पूर्व में ही समिती के अध्यक्ष को प्रस्ताव सौप दिया है।
 
                     मुख्यमंत्री की तरफ से लिपिक संवर्ग के लिए घोषणा के बाद भी सचिव स्तर पर वित्त आकलन करने में विलम्ब किया जा रहा है। इस बात को लेकर लिपिक वर्ग में गहरा आक्रोश  है। शनिवार को वेतन विसंगती निराकरण समिती के सदस्य अपर संचालक के एल रवि ने संघ की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव और वित्त आकलन को  जल्द ही अभिमत के लिए भेजने का विश्वास दिया है। संघ ने अधिकारियों को संभावित विकल्प पर भी अपने स्तर पर सहमत होने की बात कही है। इसके अलावा विषय पर कमेटी के सभी सदस्यों के साथ वार्ता के संकेत दिया है। रोहित ने बताया कि वेतन विसंगती निराकरण समिती को प्रस्ताव सौंपने वालों में प्रांतीय महामंत्री सुनील यादव, प्रांतीय कोषाध्यक्ष सुनील नायडू, जिला सचिव बिलासपुर प्रदीप शर्मा विशेष रूप से शामिल थे।
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