तातापानी।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरगुजा क्षेत्र में वन भूमि के पट्टे के प्रकरण अधिक संख्या में निरस्त किये गये हैं, इसकी जांच के लिये अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत् 13 दिसम्बर 2005 के पहले वन भूमि पर काबिज और तीन पीढ़ियों से रह रहे लोगों को वन भूमि का पट्टा दिया जायेगा इसके साथ ही सामुदायिक पट्टे भी दिये जाएंगे। मुख्यमंत्री बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम तातापानी में आयोजित तातापानी महोत्सव 2019 संक्रांति परब के अवसर पर विशाल जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्थानीय विधायक की मांग पर तातापानी में 25 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण कराने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने बलरामपुर-अम्बिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग की शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने वनांचल के रजबंधा से पिपराही मार्ग, चन्दौरा से चलगली मार्ग, बाहरचुरा से भीतरचुरा, पीपरपान से गाजर मार्ग में घाट कटिंग कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विशाल जनसमूह को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुये सरगुजा संभाग के मतदाताओं से कहा कि आपने संभाग की सभी 14 विधानसभा सीटों पर जीत दिलाई है, जिसकी किसी को कल्पना भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से तीन चौथाई बहुमत से छत्तीसगढ़ में पहली बार सरकार बनी है। श्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद सबसे पहला काम किसानों का कृषि ऋण माफ करने का कार्य किया गया और इसके लिये किसानों की कृषि ऋण की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल सहकारी बैंक और ग्रामीण विकास बैंकों के कृषि ऋण माफ किये गये हैं और राष्ट्रीयकृत बैंकों के फसल ऋण भी माफ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां किसानों से 25 सौ रूपये क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है।
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार, जनता की सरकार है और यह किसान, गरीब, मजदूर और सभी वर्गों की सरकार है और छत्तीसगढ़ के विकास के लिये सभी को मिलकर सरकार चलाना है। उन्होंने कहा कि सरगुजा संभाग में सड़कों की स्थिति बहुत खराब है, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बिल हाफ करने का भी काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शराब बंदी अचानक नोटबंदी की तरह नहीं की जाएगी, बल्कि जनता से विचार-विमर्श कर और जनजागृति लाकर शराब बंदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब शासकीय विभागों में जेम के माध्यम से नहीं बल्कि सीएसआईडीसी के माध्यम से कार्यालयीन उपयोग की सामग्रियों की खरीदी की जावेगी जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और छत्तीसगढ़ में उद्योग धंधों का भी विकास होगा।