CM रमन बोले-राज्य में न्याय प्रशासन की विकास यात्रा उत्तरोत्तर प्रगति पर

Shri Mi
5 Min Read

रायपुर।भारत के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस दीपक मिश्रा ने आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय परिसर में 28.17 करोड़ की लागत से निर्मित छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के नये भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी में ज्ञान, कौशल व व्यावसायिक दक्षता का होना जरूरी है तभी एक न्यायिक अकादमी मे उसका प्रशिक्षण सफल माना जायेगा। प्रधान न्यायाधिपति ने कहा कि न्याय को हासिल करना हम सबका संवैधानिक अधिकार है जो बिना आधारभूत संरचनाओं के संभव नहीं है। जब हम आधारभूत संरचना के बारे में विचार करते हैं तो हम एक अच्छे भवन के बारे में सोचते हैं। अधोसंरचना में भवन महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ-साथ मानसिक व बौद्धिक अधोसंरचना की भी आवश्यकता होती है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

उन्होंने राज्य न्यायिक अकादमी भवन को राज्य के साथ-साथ उच्च न्यायालय के लिये भी बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने इस संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले न्यायिक अधिकारियो से अनुरोध किया कि वे इसका अधिकतम लाभ लें और न्यायिक संवेदना, ज्ञान, और व्यावसायिक दक्षता प्राप्त करें। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि जजों को यह मानकर चलना चाहिए कि हम जिस प्रशिक्षण के लिये आये हैं उसका उद्देश्य लोगों को कानून के प्रति शिक्षित करना भी है यह व्यावहारिक रूप से भी हो। कानून की नवीन स्थितियों के चलते तकनीकी रूप से दक्ष होना भी जरूरी है।

उन्हें नये कानूनों की जानकारी होनी चाहिये, उन्हें विनम्र होना जरूरी है और निर्णय लेते समय इस बात का ध्यान रखना है संवैधानिक दायरे में रहते हुए संवेदनशील रहना है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में भारत के मुख्य न्यायाधिपति दीपक मिश्रा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे कर्मयोगी हैं और उनका व्यक्तित्व एक कवि, लेखक, दार्शनिक व एक जज के रूप में है। प्रधान न्यायाधीश द्वारा किये गये निर्णय भविष्य को ध्यान में रखते हुए किये गये हैं।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में न्याय प्रशासन की विकास यात्रा उत्तरोत्तर प्रगति पर है। राज्य स्थापना के साथ त्वरित व पारदर्शी न्याय व्यवस्था लागू करने राज्य सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किया गया है। राज्य निर्माण के समय न्याय प्रशासन का बजट 16 करोड़ रूपये था जो अब 641 करोड़ रूपये हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहां कर्मिशियल कोर्ट की स्थापना की गई है। राज्य के न्यायिक अधिकारियों को सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप वेतनमान का लाभ देने वाला दिल्ली के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य है। उन्होंने कहा कि छतीसगढ़ में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना गरीबों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिये की गई है।
हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का भी उन्होंने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के समय 102 न्यायिक अधिकारी राज्य को बंटवारे में मिले थे। वर्तमान में 503 पद स्वीकृत हैं और 450 न्यायिक अधिकारी अपनी सेवायें वर्तमान मंे प्रदान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब इस कल्पना को साकार करने में लगे है जब सबको  समय पर सस्ता न्याय और हर नागरिक को न्याय सुलभ हो। भारत के संविधान में लोक कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना की गई। इसको साकार करने का कार्य राज्य सरकार का है। एक अच्छे शासन की परिकल्पना तभी की जा सकती है जब किसी राज्य में न्याय निष्पक्ष, पारदर्शी व त्वरित हो। कुछ समय तक न्याय के क्षेत्र में प्रशिक्षण उपेक्षित रहा लेकिन पिछले कुछ वर्षों में न्यायिक प्रशिक्षण के महत्व को पहचाना गया और इसके लिये ठोस कदम उठाये गये हैं
निरंतर प्रशिक्षण, अनुसंधान किसी भी संस्था के सुव्यवस्थित संचालन के लिये जरूरी है। न्याय प्रणाली के कार्यपालन में आने वाली परेशानी को दूर करने की योग्यता व क्षमता इससे विकसित होगी जिससे न्यायालय का कीमती समय व ऊर्जा का अधिकतम उपयोग हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के न्याय जगत के संरक्षक व भारत के मुख्य न्यायाधिपति का संरक्षण और सतत दृष्टि छत्तीसगढ़ न्यायिक अकादमी को प्राप्त हो रहा है और आगे भी होता रहेगा। जिससे यह संस्था देश के जनजाति, गरीब व अंतिम छोर के व्यक्ति तक न्याय का प्रकाश पहुंचाने में सफल होगा। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज और राज्य न्यायिक अकादमी के चेयरमेन जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने किया और कार्यक्रम के अन्त में आभार प्रदर्शन अकादमी के सदस्य और हाईकोर्ट के जज जस्टिस एम.एम.श्रीवास्तव ने किया।
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close