रेल का रोना रोने वाले सीएम बस तो चालू करवा दें- भाजपा

Shri Mi
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रायपुर। नगर भाजपा अध्यक्ष व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा है कि रेल के नाम पर राजनीति कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले बंद पड़ी सिटी बसें चालू करवा लें, उसके बाद रेल में राजनीति के खेल खेलें। मुख्यमंत्री को यह कभी नजर नहींआता कि उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की लोक परिवहन व्यवस्था किस ढर्रे पर चल रही है। बंद सिटी बसें कंडम हो गईं। खड़ी खड़ी खत रही हैं लेकिन उनके रखरखाव और संचालन पर मुख्यमंत्री का ध्यान नहीं है। मुख्यमंत्री को जनता की चिंता केवल रेल के लिए है। कोरोना काल से बंद पड़ी बसें चालू करने की चिंता उन्हें क्यों नहीं है? क्या सिटी बसें बंद होने से जनता परेशान नहीं हो रही?

नगर भाजपा अध्यक्ष श्री सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करने के अपने एजेंडे के तहत पौने चार साल से झूठ बोल रहे हैं। जनता जानती है कि रेल सेवाएं क्यों प्रभावित हैं। रेल सुविधाओं के विकास, विस्तार के लिए काम चल रहा है तो छत्तीसगढ़ के साथ ही सारे देश की जनता को ही इसका फायदा मिलना है। अकेले छत्तीसगढ़ में ही कुछ ट्रेनें प्रभावित नहीं हैं बल्कि अन्य राज्यों में भी काम चल रहा है लेकिन जो राजनीति भूपेश बघेल कर रहे हैं, वैसा कोई और मुख्यमंत्री नहीं कर रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ को बेहतर रेल सुविधाओं का लाभ मिले। भारतीय रेलवे की पूरी कोशिश है कि रेलवे सेवाओं का उन्नयन हो और जनता कम से कम प्रभावित हो। जनता बेहतर भविष्य के लिए रेलवे का सहयोग कर रही है।

भाजपा नगर अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जवाब दें कि वे बसें बंद करके जनता को कौन सी सुविधा दे रहे हैं। आम जनता लुट रही है। छत्तीसगढ़ की सड़क परिवहन व्यवस्था ध्वस्त है। बस बंद होने के कारण रोज स्कूल ले जाने -लाने वाले छोटे वाहनों का बढ़ा हुआ किराया देना पड़ता है। बलौदा बाजार वाली प्राइवेट बसें विधानसभा चौक में रुक जाती हैं। वहां से आने में दिक्कत और आर्थिक क्षति हो रही है। आम जनता के हर वर्ग के साथ ही नौकरीपेशा लोगों को भी रोज महंगा ऑटो भाड़ा देना पड़ रहा है। बस बंद होने से लोग नया रायपुर नहीं जा पा रहे। जनता को सुनियोजित तरीके से सार्वजनिक बस सेवा से वंचित कर अन्य परिवहन साधनों को जनता से लूट की छूट मिली हुई है।मुख्यमंत्री बतायें कि बंद बसें कब बहाल करवा रहे हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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