CM भूपेश ने किया केरलापाल में गौठान निरीक्षण,गोबर विक्रेता बीरसिंह नाग की तारीफ

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नारायणपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बहुप्रतिक्षित नारायणपुर प्रवास की शुरूआत आज ग्राम केरलापाल स्थित गौठान से हुई। जहां विभिन्न आला अधिकारियांे की मौजूदगी में ग्रामीणांे ने पारम्परिक नृत्य और तिलक आरती के साथ उनका आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौठान का निरीक्षण करते हुए राष्ट्रीय आजीविका मिशन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों, पशुपालकों हेतु किये जा रहे विभिन्न आजीविका संवर्धन गतिविधियांे की भरपूर सराहना की। ज्ञात हो कि ग्राम केरलपाल स्थित यह गौठान 3 एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें पशुपालक परिवारों की संख्या 198, पंजीकृत गोबर विक्रता परिवारों की संख्या 113 तथा इसमें कार्यरत महिला समूहों की 15 है। इस गौठान में लगभग 275 गौवंशों को रखा गया है।

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इस गौठान में कुल गोधन विक्रय की मात्रा 2352 किलोग्राम है। इसके अंतर्गत विभिन्न गौठान संबंधित गतिविधियां जैसे जैविक खाद निर्माण, चारागाह विकास, उन्नत किस्म के फलदार एवं फूलदार पौधारोपण, सुपोषण वाटिका जैसे कार्य संचालित हो रहे हैं।इस मौके पर माननीय मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) की महिला समूहों द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया।

इन स्टॉलों में महिला समूहों द्वारा मशरूम उत्पादन, स्थानीय उत्पादित अनाज जैसे सांवा, कोदो, कुटकी, कुल्थी के प्रसंस्कृत पैकेट को विक्रय हेतु रखा गया था। इसके अलावा बिहान के सौजन्य से यहां बड़ी, पापड़, अचार, मसाले, मिठाईयां, गोबर से बने हुए दीये, साबुन, फिनाईल, जैसे दैनिक उपयोग मे आने वाली सामग्रियों को महिलाओं द्वारा निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के स्टॉल में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने हर्बल गुलाल निर्माण, बटेर, बतख एवं कड़कनाथ नस्ल के कुक्कुटपालन के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत कराकर उनसे प्रोत्साहन पाया। 

इस दौरान माननीय मुख्यमंत्री ने पारंपरिक ‘‘छतौड़ी’’ पहन कर चारा कटाई करके पशुओं को चारा भी खिलाया। तत्पश्चात उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत् गोबर विक्रेता महिलाओं समूहांे से भी रूबरू हुए और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्हांेने कहा की राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजनांतर्गत ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को राज्य शासन द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा हैं।

चूंकि ग्रामीण आर्थिक पृष्ठभूमि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः महिल सशक्तिकरण के तहत् उन्हें प्राथमिकता देना शासन का प्रथम कर्तव्य है। इसके साथ ही उन्होंने गोबर संग्राहकों से चर्चा की और गोधन न्याय योजना के बारे में पूछा और इसे गांव और निर्धनों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।

ज्ञातव्य है कि मौके पर ग्राम माहका निवासी पशुपालक बीरसिंह नाग ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि गोबर संग्रहण से उन्हें प्रतिमाह 17 हजार रूपये की आय हो रही है और लगभग 300 किलो से अधिक गोबर संग्रहण किया जा रहा है। जिसके लिए मुख्यमंत्री ने उन्हंे बधाई देते हुए सराहना की। तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने गौठान में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा लगाये गये पोषण वाटिका में आम पौधे का रोपण भी किया।

इस सुपोषण वाटिका में उन्नत किस्म के आम, अमरूद, पपीता के अलावा फूलदार पौधों की विभिन्न प्रजातियांें को लगाया गया है और इस संबंध में महिला समूहों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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