शिक्षाकर्मी आंदोलनःपकड़ में आयी सीएम की पुरानी आवाज…संजय ने कहा..14 साल से कर रहे इंतजार…

BHASKAR MISHRA
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बिला23550069_949406638541979_8200509236543881145_oसपुर—मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की पुरानी आवाज मिल गयी है। आवाज कवर्धा जिले के पंडरिया में…शिक्षाकर्मियों के आंदोलन के दौरान गुम हो गयी थी। शिक्षाकर्मियों ने ही गुम आवाज को ढूंढ निकाला है। जो अब खूब वायरल हो रही है। 14 साल पहले कवर्धा जिले के पंडरिया में आंदोलनकारी शिक्षाकर्मियों के बीच तात्कालीन सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि सरकार बनते ही शिक्षाकर्मियों को आंदोलन करने की जरूरत ही नहीं होगी। उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाएगा। इधर शिक्षाकर्मियों का कहना है कि अब विश्वास किस पर करें। प्रदेश में पिछले पन्द्रह साल से भाजपा की सरकार है। हम आज भी वहीं खड़ें हैं जहां 14 साल पहले खड़े थे।
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                             14 साल पहले कवर्धा जिले के पंडरिया में शिक्षाकर्मियों के आंदोलन का तात्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह ने समर्थन किया था। वर्तमान सीएम ने एलान किया था कि सरकार बनते ही शिक्षाकर्मियों को समान कार्य पर समान वेतन दिया जाएगा। शिक्षकों की तरह वेतन भत्ता के अलावा अन्य सुविधाएं भी जाएंगी। 2003, 2008 और 2013 में लगातार तीन बार भाजपा की सरकार बन चुकी है। शिक्षाकर्मियों की मांगो को संकल्प पत्र में भी लिया गया। जनता ने हर बार एक ही चेहरे पर विश्वास किया। लेकिन आवाज गुम होने के कारण मुखिया को अपना वादा याद नहीं रहा। अब शिक्षाकर्मियों ने तात्कालीन समय दिए गए बयान वाली खबर वायरल कर जन जन तक पहुंंचा दिया। मुखिया को 2003 में किए गए वादों को याद दिलाने का प्रयास किया है।
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                                    17 फरवरी 2003 में शिक्षाकर्मियों ने समान कार्य समान वेतन की मांंग को लेकर पंडरिया में उग्र आंदोलन किया था। तात्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर कवर्धा इकाई के शिक्षाकर्मी नीतू तिवारी, मधुरिमा सोनी, ईश्वर सिंह धुर्वे,गोविंद राम जायसवाल और संजय चन्द्रवंशी भूख हड़ताल पर थे।  आंदोलन स्थल पर करीब 160 शिक्षाकर्मी भी मौजूद थे। शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को अधिवक्ता संघ के अलावा प्रदेश शिक्षक कांग्रेस संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ,राजपत्रित अधिकारी संघ और अजाक्स ने समर्थन किया था।

                        भूख हड़ताल के चौथे दिन तात्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद रमन सिंह भी मौके पर पहुंचे और आंदोलन का समर्थन किया। इस दौरान मौजूद संगठनों को हाजिर नाजिर बनाकर उन्होने आश्वासन दिया कि सरकार बनते ही शिक्षाकर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाएगा। शिक्षकों को मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएँगी। लेकिन 14 साल बाद भी ऐसा कुछ नहीं हो सका। शिक्षाकर्मियों की आवाज आज भी नक्कार खाने में तूती साबित हो रही है। 14 साल से सभी  शिक्षाकर्मी आज भी झंडा लेकर हमारी मांगे पूरी करो का नारा लगा रहे हैं।

हमने आवाज ढूंढ लिया..अब हम भी सुनाएंगे…

                      sanjay_school  प्रदेश शिक्षाकर्मी संघ अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि 14 साल पहले पुरानी आवाज को हमने ढूंढ निकाला है। तात्कालीन सांसद और वर्तमान मुख्यमंत्री की आवाज को मुखिया तक पहुंचाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिसे उन्होने पंडरिया पंचायत भवन के सामने कहा था। प्रदेश मुखिया को अब अपनी आवाज के साथ हमारी भी आवाज को सुनना होगा। 14 साल से चीखते चिल्लाते बहुत हो गया। 20 नवम्बर से प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। शाला का बहिष्कार 9 सूत्रीय मांग पूरी नहीं होने तक तकेंदेय़

          संजय शर्मा ने बताया कि शिक्षाकर्मियों को पिछले 14 साल से ठगा जा रहा है। वर्तमान मुख्यमंत्री ने 17 फरवरी 2003 में भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षाकर्मियों से वादा किया था कि सरकार बनते ही शिक्षाकर्मियों की समान कार्य पर समान वेतन दिया जाएगा। आज भी हम वहीं बैठे हैं जहां 14 साल पहले झंडा और डंडा लेकर बैठे थे। लेकिन सरकार बनने के बाद तात्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान मुख्यंत्री ने ध्यान नहीं दिया। पिछले तीन चुनावों में भाजपा ने संकल्प पत्र में शिक्षाकर्मियों को खुश करने बड़े बड़े वादे किए। चौथी बार भी संकल्प पत्र में समान कार्य समान वेतन का जिक्र हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। क्योंकि ऐसा मान लिया गया है कि शिक्षाकर्मी मूर्ख बनाने के लिए ही हैं। यदि ऐसा कुछ भ्रम है तो सरकार को मुगालते से बाहर निकलने की जरूरत है।   

                               संजय शर्मा ने बताया कि इस बार शिक्षाकर्मी चुनावी मुगालते में नहीं आने वाले हैं। 20 नवम्बर को 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मी शाला बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। 9 सूत्रीय मांग पूरी होने पर ही स्कूल लौटेंगे। लड़ाई आर पार की होगी। मिट जाएँगे लेकिन बहकावे में नहीं आएंगे। साथ ही 17 फरवरी 2003 को तात्कालीन सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की गुम आवाज को भी जन जन तक पहुचाएंगे।

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