रायपुर-मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में ‘ई-जनदर्शन’ कार्यक्रम के तहत वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के जरिये जशपुर जिले के सभी आठ विकासखंडों (जनपद पंचायतों) – जशपुर, मनोरा, फरसाबहार, दुलदुला, बगीचा, पत्थलगांव, कांसाबेल और कुनकुरी के ग्रामीणों की समस्याएं सुनी।उन्होंने कई समस्याओं का त्वरित निराकरण भी किया। मुख्यमंत्री ने ई-जनदर्शन में सबसे पहले जिले की जनता को नये वर्ष 2018 की बधाई और शुभकामनाएं दी।डॉ. सिंह ने सहज-सरल स्वभाव के ग्रामीणों की झिझक दूर करते हुए उनका उत्साह बढ़ाया और उनसे कहा कि अपनी बात कहने में कोई संकोच न करें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ऐसा महसूस करें कि वे अपने मुख्यमंत्री से बगल में ही बैठकर बातचीत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के ‘ई-जनदर्शन’ में शामिल हुए लगभग 400 लोग
डॉ. रमन सिंह के निवास में प्रत्येक गुरूवार को होने वाले सामान्य जनदर्शन कार्यक्रम में पिछले एक वर्ष में पूरे जशपुर जिले से लगभग 222 लोग आए थे, लेकिन आज उनके ई-जनदर्शन में जिले के सभी आठ विकासखंडों के लगभग 350 से 400 लोग शामिल हुए और मुख्यमंत्री के नाम करीब 500 आवेदन जनपद कार्यालयों में पंजीकृत किए गए। डॉ. सिंह ने सभी आठ जनपद कार्यालयों से करीब 45 लोगों से बातचीत की। शेष आवेदकों की अर्जियों का भी पंजीयन कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन सबका त्वरित और उचित निराकरण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने सभी 146 जनपद पंचायतों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राजधानी रायपुर स्थित मंत्रालय और मुख्यमंत्री निवास से जोड़ दिया है। इससे अब संबंधित विकासखंडों के लोगों का सरकार के साथ सीधा संवाद आसान हो गया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने आज सबसे पहले प्रदेश के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल जशपुर जिले के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बातचीत की। उन्होंने कहा- सामान्यतः जनदर्शन एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां कोई भी नागरिक एपाइंटमेंट लिए बिना मुझसे सीधे मिल सकता है। चूंकि जशपुर जिला राजधानी रायपुर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है और वहां से रायपुर आने में उस क्षेत्र के लोगों को कम से कम 12 घंटे लग जाते हैं। इसलिए प्रदेश के ऐसे दूरस्थ जिलों की जनता की सुविधा के लिए हमने नये साल में नया प्रयोग करते हुए ई-जनदर्शन शुरू करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से जंगली हाथियों का लोकेशन भी पूछा
डॉ. सिंह ने श्री भगत से उनके क्षेत्र में जंगली हाथियों के लोकेशन के बारे में भी पूछा। इस पर श्री भगत ने उन्हें बताया कि 15 हाथी दो किलोमीटर की दूरी पर जंगल में घूम रहे हैं, हालांकि हाथियों ने अभी तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। ग्राम पंचायत सुरजुला के श्री लच्छूराम ने भी मुख्यमंत्री को अपने गांव में बिजली नहीं होने की समस्या बतायी और कहा कि हाथी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने उनके गांव में एक माह के भीतर बिजली पहुंचाने और प्रत्येक घर को कनेक्शन देने का आश्वासन दिया। डॉ. रमन सिंह ने ग्राम पंचायत चढ़िया निवासी अन्नती बाई को उनके हृदय रोग के इलाज के लिए संजीवनी कोष से सहायता देने का आश्वासन दिया और उनसे कहा कि वे रायपुर आ जाएं, यहां के अच्छे अस्पताल में उनके हृृदय का ऑपरेशन करवा दिया जाएगा। मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने मनोरा के एसडीएम से कहा कि मरीज को रायपुर भिजवाने की व्यवस्था की जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान मुख्यमंत्री को विकासखंड फरसाबहार के जनपद पंचायत कार्यालय में ग्राम पंचायत कंदाई बहार निवासी दसेश्वर साय ने बतायी फरसाबहार के बांगुरसिया मोहल्ले में ट्रांसफार्मर खराब होने और अधिक बिजली बिल आने की समस्या बतायी। मुख्यमंत्री ने ई-जनदर्शन में मौजूद अधिकारियों को इस समस्या का भी जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने कहा कि ऊर्जा विभाग के सचिव और विद्युत वितरण कम्पनी के एम.डी. इसी जनवरी के महीने में जशपुर जाएंगे और वहां के अधिकारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक लेकर बिजली संबंधित समस्याओं का निराकरण करेंगे।
बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी पर जिम्मेदार अधिकारी निलम्बित
मुख्यमंत्री ने खुशी जतायी कि इस जिले में जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारी – कर्मचारी बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन डॉ. सिंह ने ग्राम पंचायत साल्हेकेरा में ट्रांसफार्मर खराब होने, बिजली की आपूर्ति ठीक से नहीं होने और बिजली बिल अधिक आने की शिकायत मिलने पर ई-जनदर्शन में ही विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित जिम्मेदार अधिकारी (डी.ई.) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री को ग्राम पंचायत साल्हेकेरा में बिजली की इस समस्या के बारे में ई-जनदर्शन में श्रीमती सीताबाई ने जानकारी दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया था कि ट्रांसफार्मर खराब होने पर गांव वालों ने चंदा करके ट्रांसफार्मर लगवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा यह काफी दुःख की बात है कि ग्रामीणों को ट्रांसफार्मर के लिए चंदा करना पड़ा। डॉ. रमन सिंह ने श्रीमती सीता बाई से कहा – ऊर्जा विभाग के सचिव और विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक स्वयं इस समस्या को हल करेंगे।