CMO की मनमानी..सामान्य प्रशासन के आदेश को फिर दिखाया ठेंगा..PIC बैठक का किया एलान..कलेक्टर ने कहा आदेश के खिलाफ बैठक संभव नहीं

BHASKAR MISHRA
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मुंगेली— मुंगेली नगर पालिका सीएमओ जो करे..थोड़ा…एक बार फिर नियम कायदे और आदेश को ढेंगा दिखाते हुए सीएमओ ने जिला प्रशासन को चुनौती दी है। बुधवार यानि 9 सितम्बर को पीआईसी बैठक का एलान किया है। जबकि एक दिन पहले ही सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर कोरोना काल में बैठक पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। बावजूद इसके सीएमओ ने ना केवल पीआईसी बैठक बुलाया है। बल्कि प्रशासन को भी सूचित नहीं किया है। 

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                मुंगेली नगर पालिका सीएमओ राजेन्द्र पात्रे और विवाद के बीच चोली दामन का नाता है। एक बार फिर राजेन्द्र पात्रे विवादों में फंसते नजर आ  रहे है। सीएमओ ने आदेश जारी कर 9 सिम्बर को पीआईसी बैठक बुलाया है। बताते चलें कि ठीक एक पीछे यानि 7 सितम्बर को सामान्य प्रशासन मंत्रालय ने आदेश जारी कर किसी प्रकार की सरकारी  बैठक और आयोजनों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

सामान्य प्रशासन का आदेश

                 7 सितम्बर को सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर ने आदेश जारी कर स्प्षट किया है कि कोरोना काल में बैठक पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध रहेगा। सरकारी संस्थान और संसाधनों का उपयोग हरगिज नही किया जाएगा। अपरिहार्य स्थितियों में अधिकारी वर्जुअल बैठक का आयोजन करेंगे। अथवा वीडियो क्रांफेेंसिंग पर चर्चा कर सकेंगे।

                      सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश में यह भी कहा है कि जिला प्रशासन किसी प्रकार के सामान्य समारोह गतिविधियों से भी दूरी बनाकर रखा जाएगा।

            ताज्जुब की बात है कि मात्र 24 घंटे पहले सामान्य प्रशासन मंत्रालय के आदेश को दरकिनार करते हुए सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने पीआईसी बैठक का एलान कर दिया है। इतना ही नहीं मामले की जानकारी जिला प्रशासन को भी नहीं दी हैे।

हमें जानकारी नहीं…लेकिन बैठक नहीं हो सकती..शासन के निर्देशों का खिलाफ..कलेक्टर

                मामले में जिला कलेक्टर आईएएस एल्मा ने बताया कि पीआईसी बैठक की उन्हें जानकारी नहीं है। बैठक का आयोजन नियम और आदेश के खिलाफ होगा। बैठक हरगिज संभव नहीं है। पता लगाएंगे कि क्या उन्होने ऐसा जानबूझकर किया है या अनजाने में बैठक बुलाने का फैसला कियाहहै। शासन के निर्देशों के खिलाफ बैठक का सवाल ही नहीं उठता है। हमने कई बार पहले भी बैठक को निरस्त किया है। इस बार भी ऐसा ही होगा।

विवादों से घनिष्ठ रिश्तेदारी 

                बताते चलें कि मुंगेली सीएमओ राजेन्द्र पात्रे और विवादों के बीच मधुर रिश्ता है। फर्जी बिल भुगतान. जल आवर्धन योजना में भ्रष्टाटार, बिना कमा किए निर्माण कार्यों का भुगतान, मंदिर तोड़ने से लेकर कई मामले में है। जिनका सीधे सम्बन्द0 राजेन्द्र पात्रे से है। मामले में कई बार कई शिाकयत जिला प्रशासन तक पहुंची। लेकिन राजेन्द्र पात्रे खुद को मंत्री का भांजा बताकर बचने में कामयाब रहा। इतना ही नहीं निकाय मंत्री के सामने भी कई बार शिकायत हुई। हमेशा की तरह सीएमओ खुद को बचाने में कामयाब रहे। एक बार तो जनप्रतिनिधियों ने ही हड़ताल का एलान कर दिया था।

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