कोयला मंत्री ने कहा..कोयला ऊर्जा अपेक्षाओं की जिन्दगी..दो चरणों में लागू होगा ईआरपी..रखेंगे पारदर्शिता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोल इंडिया लिमिटेड के ईआरपी का शुभारंभ किय़ा।  केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह के दौरान “कोयला मंत्री अवॉर्ड” भी दिया। कार्यक्रम में श्री जोशी ने सीआईएल के एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) – ‘प्रोजेक्ट पैशन’ का भी शुभारंभ किया। मंत्री ने इस दौरान कहा कि कंपनी के व्यावसायिक प्रदर्शन में सुधार और बढ़ी हुई आंकड़ा शुचिता  से कंपनी की प्रगति में मदद मिलेगी।  
           
                  नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने एनसीएल को कोयला उत्पादन और उत्पादकता में शानदार प्रदर्शन करने के लिए अवॉर्ड दिया। सीसीएल और डब्ल्यूसीएल को सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा प्रणालियों को अपनाने और सतत् खनन के लिए सम्मानित किया गया।
 
              जोशी ने कहा कि कोयला भारत की ऊर्जा आकांक्षाओं की लाइफलाइन है और रहेगा। भारत सेफ़्टी (संरक्षा) और सस्टेनेबिलिटी (सतत् विकास) के सभी मानकों के पालन के साथ कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है। मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही अवार्ड्स शुरू किए गए हैं। सभी विजेताओं को बधाई देता हूं । मेरा विश्वास है कि आने वाले समय में कोयला कंपनियां उत्पादकता, सेफ़्टी एवं सस्टेनेबल माइनिंग के और भी ऊंचे मानदंड स्थापित करेंगी।  
 
                              कोल इंडिया में ईआरपी दो चरणों में लागू किया जाएगा। बृहस्पतिवार को लांच किए गए पहले चरण में सीआईएल मुख्यालय और दो अनुषंगी कंपनियों- डब्ल्यूसीएल एवं एमसीएल को कवर किया गया है। इस वर्ष अगस्त में शुरू होने वाले दूसरे चरण में शेष सभी 06 अनुषंगियों कंपनियों को कवर किया जाएगा।   
 
           जोशी ने कहा कि ईआरपी के लागू होने से सीआईएल को समय पर (रियल-टाइम) निर्णय लेने, उत्पादकता बढ़ाने और लागत कम करने में मदद मिलेगी। यह सीआईएल को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक 01 बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में सशक्त बनने और आज के लगातार बदलते ऊर्जा परिदृश्य में सबसे अधिक उत्पादक खनन कंपनियों में से एक बनने में मदद करेगा। 
 
                                       वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनसीएल की कृष्णशिला परियोजना के नए कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) का शुभारंभ भी किया। 04 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाले इस स्टेट ऑफ दी आर्ट सीएचपी से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अनपरा थर्मल पावर स्टेशन (एटीपीएस) और हिंडाल्को के रेणुसागर पावर डिविजन को कनवेयर बेल्ट एवं रैपिड लोडिंग सिस्टम के जरिए कोयले की आपूर्ति की जाएगी। 
 
                                            कृष्णशिला सीएचपी सीआईएल के 400 एमटीपीए की सम्मिलित क्षमता वाले 35 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है। कंपनी 12,500 करोड़ रुपए के बड़े निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2023-24 तक इन सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लक्ष्य पर तेजी से काम कर रही है। 
 
        जोशी ने कहा कि मुझे खुशी है कि कोयला कंपनियां तेजी से फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स पर आगे बढ़ रही हैं। जिससे कोयला निकासी की प्रक्रिया में सुधार आएगा और कोयले के सड़क परिवहन को समाप्त करने और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि खनन क्षेत्र के आस-पास रहने वाले लोगों का जीवन भी सुगम होगा।   
 
                                           कृष्णशिला सीएचपी के शुभारंभ के साथ कोल इंडिया ने 30 एमटीपीए की सम्मिलित क्षमता वाले 03 एफएमसी प्रोजेक्ट्स का सफलता पूर्वक परिचालन शुरू कर दिया है। 26 एमटीपीए की सम्मिलित क्षमता वाले अन्य दो प्रोजेक्ट्स में से एक-एक एसईसीएल और एमसीएल में हैं, जोकि क्रमशः गत वर्ष फरवरी एवं अप्रैल से परिचालन में हैं। शेष 32 एफएमसी प्रोजेक्ट्स पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं। ये सभी प्रोजेक्ट्स वित्तीय वर्ष 2023-24 की समाप्ति से पहले शुरू कर दिए जाएंगे। वर्तमान में सीआईएल 150 एमटीपीए से अधिक कोयले की मैकेनाइज्ड हैंडलिंग करती है। इन सभी 35 एफएमसी परिजेक्ट्स के पूरा होने के बाद कंपनी की मैकेनाइज्ड कोल हैंडलिंग क्षमता बढ़कर 550 एमटीपीए हो जाएगी। 
 
               कार्यक्रम में भारत सरकार के सचिव (कोयला) अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया चैयरमैन प्रमोद अग्रवाल और अन्य गण-मान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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